केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए अधिवक्ताओं की नई सूची जारी कर दी है। इस सूची में गोरखपुर के रहने वाले अधिवक्ता आयुष कुमार शुक्ला को ग्रुप ‘C’ पैनल में शामिल किया गया है। आयुष कुमार शुक्ला की यह नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है। इसका आदेश 21 नवंबर को विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के न्यायिक अनुभाग की ओर से जारी कर दिया गया है। दरअसल, मंत्रालय ने पहले से कार्यरत पैनल वकीलों की सूची में संशोधन करते हुए नया पैनल जारी किया है। पुराने पैनल के कई नाम हटाए गए हैं और नई सूची में संशोधित व अपग्रेडेड नाम दर्ज किए गए हैं। इस नई सूची में आयुष कुमार शुक्ला का नाम शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में करेंगे केंद्र सरकार की ओर से पैरवी नियुक्ति के बाद अब आयुष कुमार शुक्ला सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार से जुड़े मामलों की वकालत करेंगे। आदेश के अनुसार उनकी सेवाएं तीन वर्षों तक प्रभावी रहेंगी या फिर सरकार द्वारा आगे कोई नया आदेश जारी होने तक जारी रहेंगी। नियुक्ति से संबंधित सभी नियम और शर्तें मंत्रालय द्वारा पहले जारी की गई अधिसूचनाओं-24 सितंबर 1999 और 1 अक्टूबर 2015-के अनुसार ही लागू होंगी। ये अधिसूचनाएं मंत्रालय की वेबसाइट के ‘Judicial Section’ में उपलब्ध हैं। आदेश की प्रति संबंधित विभागों को भेजी गई मंत्रालय ने आदेश की डिजिटल प्रति कई विभागों, अधिकारियों और एजेंसियों को ईमेल के माध्यम से भेजी है। साथ ही, आदेश की एक प्रति वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है। आयुष कुमार शुक्ला मूल रूप से गोरखपुर में शाहपुर इलाके के शिवपुर शहबाजगंज के रहने वाले हैं। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा गोरखपुर से ही प्राप्त की। इसके बाद वे न्यायिक सेवाओं में जाने की तैयारी में लग गए। इस कामयाबी के लिए उन्होंने देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भारत सरकार का इसके लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, उसका पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निर्वहन करूंगा।
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