जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जूम मीटिंग के माध्यम से सभी विभागीय अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही न बरतने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जन शिकायतों का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें बरती गई किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता अक्षम्य होगी। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी लगन व ईमानदारी के साथ कार्य करने तथा कार्यक्रम को समय-सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया। डॉ. त्रिपाठी ने विशेष रूप से कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके किसी भी कार्य से उनकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न न लगे। उन्होंने निष्पक्षता के साथ-साथ कार्य में निष्पक्षता प्रदर्शित करने पर भी जोर दिया। जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी ने SIR को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए अधिकारियों/कर्मचारियों को समय पर अपनी ड्यूटी पर पहुंचकर टीम भावना से कार्य करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि पदाभिहीत अधिकारी बूथ पर उपस्थित रहकर गणना प्रपत्र आदि का कार्य करें, जबकि बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र एकत्रित और जमा करें। सुपरवाइजरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि वे ड्यूटी पर निर्धारित बूथ कार्मिकों की उपस्थिति, अनुपस्थिति और कार्य में उनकी रुचि के संबंध में आख्या उपलब्ध कराएँ, ताकि कार्य न करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्वयं बूथों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि जहाँ भी अध्यापकों का सहयोग नहीं मिल रहा है या उनकी ड्यूटी निर्धारित नहीं है, वहाँ कार्य के लिए अध्यापकों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि कार्य में कोई व्यवधान न हो।
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