बिजनौर शहर के नूरपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार रात एक महिला की मौत हो गई। इसके बाद रविवार शाम को परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचकर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। जानकारी के अनुसार, बिजनौर के हल्दौर क्षेत्र के मोहल्ला जमुनावाला निवासी 37 वर्षीय पूजा पत्नी संदीप को 21 अक्टूबर को नूरपुर रोड पर स्थित एमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि पूजा को रसौली की शिकायत थी और उनका इलाज चल रहा था। शनिवार को पूजा की बच्चेदानी में रसौली का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। दोपहर में महिला की मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल ने शव को एंबुलेंस से उनके घर भिजवा दिया। रविवार देर शाम को मृतका के परिजन भारी संख्या में ग्रामीणों के साथ एमएस अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और अस्पताल स्टाफ के साथ तीखी नोकझोंक हुई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने और उन्हें मौत के बारे में समय पर जानकारी न देने का आरोप लगाया। मृतका की बेटी तनु ने आरोप लगाया कि चिकित्सक और जिम्मेदार स्टाफ की लापरवाही के कारण उनकी मां की मौत हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल ने उनसे दस हजार रुपये वसूले। मृतका के तीन बच्चे हैं। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया और उन्हें घर भेज दिया। वहीं, एमएस अस्पताल के संचालक सोहित सिंह का कहना है कि मरीज का ऑपरेशन शुक्रवार को हुआ था। शनिवार को मरीज को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। शनिवार को ही उनकी मौत हो गई थी और इस बारे में परिजनों को सूचित कर दिया गया था। उन्होंने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार करते हुए कहा कि अस्पताल में सभी प्रशिक्षित चिकित्सक हैं और जानबूझकर अस्पताल पर दबाव बनाया जा रहा है। मृतका की बेटी ने बताया कि उसके पिता बीमार रहते हैं। उनकी मम्मी एक निजी स्कूल में नौकरी कर परिवार को पाल रही थी। अब उनकी मां दुनिया में नहीं रही है। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
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