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वृद्धाश्रम में मरी मां, बेटा बोला- फ्रीजर में रखवा दो:घर में शादी है, बॉडी आई तो अपशगुन होगा; गोरखपुर में रिश्तेदारों ने लाश दफनाई

गोरखपुर में बड़े बेटे ने मां का शव लेने से मना कर दिया। उसने पिता से कहा- घर में शादी है। इस समय लाश आई तो अपशगुन होगा। 4 दिन फ्रीजर में लाश रखवा दो। शादी के बाद आकर दाह संस्कार करवा दूंगा। मगर वह अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए शव को गांव ले गए। जहां रिश्तेदारों ने घाट किनारे शव को दफना दिया। पति ने रोते हुए कहा- बेटा और रिश्तेदार कह रहे हैं कि 4 दिन बाद मिट्‌टी से बाहर निकाल कर अंतिम संस्कार करवा देंगे। मगर 4 दिन में शव को कीड़े खा जाएंगे। एक साल पहले बेटों ने घर से निकाला था
किराना व्यापारी भुआल गुप्ता (68) और उनकी पत्नी शोभा देवी (65) कैंपियरगंज के भरोहियां ग्राम पंचायत में अपने 3 बेटों के साथ रहते थे। उनकी 3 बेटियां भी हैं। बेटे-बेटियों की शादी कर दी। कुछ साल बाद वह दादा-दादी बन गए। करीब एक साल पहले भुआल के बड़े बेटे ने कहा- आप लोग घर पर बोझ बन गए हो, इसलिए घर से निकल जाओ। यह सुनकर भुआल अपनी पत्नी शोभा के साथ घर से निकल गए। वह सुसाइड करने राजघाट के पास पहुंचे। यहां एक व्यक्ति ने उन्हें रोक दिया। कहा- अयोध्या या मथुरा चले जाइए। वहां रहने-खाने का इंतजाम होता रहेगा। भुआल और शोभा पहले अयोध्या पहुंचे। यहां रहने का इंतजाम नहीं हुआ तो मथुरा पहुंचे। मगर यहां भी उनके रहने और खाने का इंतजाम नहीं हुआ। यहीं पर भुआल को जौनपुर के वृद्धाश्रम का मोबाइल नंबर मिला। नंबर पर कॉल की तो जौनपुर विकास समिति वृद्धाश्रम के हेड रवि कुमार चौबे से बात हुई। उन्होंने दोनों को अपने यहां बुला लिया। तब से भुआल और शोभा एक साथ रह रहे थे। रवि चौबे ने बताया कि कुछ महीने पहले शोभा देवी के पैर में लकवा मार गया। वह चल फिर नहीं पाती थी। संस्था ने प्राइवेट हॉस्पिटल में दवा कराई। उन्हें आराम मिला। 19 नवंबर को अस्पताल में मौत हुई, पैर में थी सूजन
19 नवंबर को शोभा देवी की फिर से तबीयत बिगड़ गई। उनका पैर सूज गया। मैंने उन्हें जौनपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर देर रात उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने बताया कि शोभा देवी की दोनों किडनी फेल हो गई थी। गुर्दे में भी इन्फेक्शन हो गया था। पत्नी की मौत के बाद भुआल गुप्ता टूट गए। उन्होंने छोटे बेटे को फोन करवाया। रवि ने उनके छोटे बेटे को फोन किया। कहा कि आपकी माता जी का देहांत हो गया है। डेडबॉडी का अंतिम संस्कार करना है। आपकी मां की इच्छा थी कि उनका गोरखपुर में अंतिम संस्कार किया जाए। इस पर छोटे बेटे ने कहा कि घर में बड़े भइया के बेटे की शादी है। उनसे बात करके बताता हूं। इसके बाद उसने फोन रख दिया। छोटा बेटा बोला- भइया ने कहा है कि मां का शव फ्रीजर में रख दो
करीब 10 मिनट बाद भुआल के पास छोटे बेटे का फोन आया। कहा कि भइया ने कहा है कि डेडबॉडी को फ्रीजर में रखवा दो। शादी हो जाने के बाद अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। यह सुनकर भुआल गुप्ता नाराज हो गए। उन्होंने रवि से कहा कि पत्नी का अंतिम संस्कार अब यहीं जौनपुर में करेंगे। गोरखपुर नहीं जाएंगे। इसी बीच उनके पास बेटियों का कॉल पहुंच गया। बेटियों ने कहा कि शव गांव ले आइए। यहीं अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। इसके बाद भुआल गुप्ता एम्बुलेंस से अपनी पत्नी का शव लेकर गांव पहुंचे। यहां बड़े बेटे ने घर पर लाश लाने से इनकार कर दिया। रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने कैंपियरगंज में घाट के पास मिट्‌टी में जबरन शोभा देवी की लाश को दफन करवा दिया। भुआल ने बताया कि मेरी पत्नी का मैं अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका। मेरे रिश्तेदार और बेटे कहते हैं कि 4 दिन बाद शव को निकालकर अंतिम संस्कार करेंगे। चार दिन में तो शव को कीड़े खा जाएंगे। आटे का पुतला बनाकर दाह संस्कार होगा
भुआल ने कहा- मैं मेरी पत्नी का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया। उसे मिट्‌टी में दफना दिया गया। इस दौरान गांव के लोगों ने उन्हें शांत कराया। पंडित से राय ली। पंडित ने बताया कि एक दफनाने के बाद शव को बाहर निकालकर अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अब आटे का पुतला बनाकर उसका विधि विधान से दाह संस्कार किया जा सकता है। छोटे बेटे से कॉल करके बातें करते थे दंपती
रवि कुमार चौबे ने बताया- भुआल और उनकी पत्नी कॉल करके कभी-कभी अपने छोटे बेटे से बातचीत करते थे। बड़ा बेटा किराना की दुकान और मेडिकल स्टोर चलाता है। कैंपियरगंज में आलीशान मकान भी है। वह कभी माता-पिता से बातें नहीं करता था। ………………..
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