राजधानी में ग्रीन चादर से ढंके बिना तेजी से कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के दौरान उड़ने वाली धूल से हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियम को पालन कराने में बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड नाकाम है। एनजीटी के नियम को ताख पर रखकर बेली रोड रूकनपुरा, सिपारा बाईपास, सगुना मोड़ सहित शहर के विभिन्न इलाकों में निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। यही नहीं, कई जगहों पर मेट्रो से जुड़े निर्माण कार्य ग्रीन चादर से ढके बिना चल रहा है, जिससे शहर की हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है। साथ ही सड़क पर धूल-कण की मोटी परत जम गई है। हैवी ट्रैफिक के कारण सड़क पर जमी धूल उड़कर हवा में घूल रही है। इस वजह से करीब 108.87 वर्ग किलोमीटर में फैले नगर निगम में करीब 37 लाख की आबादी हर दिन प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर है। यह प्रदूषित हवा लोगों को तेजी से बीमार बना रही है। लोग सांस से जुड़ी समस्या, दमा और फेफड़े में संक्रमण को लेकर हर रोज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रशासन ग्रीन चादर से ढंके बिना चल रहे कंस्ट्रक्शन पर लगाम नहीं कस रहा है। नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। शहर की हवा जहरीली हुई… एक्यूआई 300 पार : शहर की हवा दिन-प्रतदिन जहरीली होती जा रही है। वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। पीएम 2.5 और पीएम 10 तय मानक से कई गुना अधिक मापा गया है। रविवार को एयरपोर्ट और वेटनरी मैदान के आसपास की हवा सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई। यहां एक्यूआई लेवल का स्तर 300 से पार चला गया है। तारामंडल के पास एक्यूआई लेवल 211 है। इसी तरह, सभी इलाकों में एक्यूआई लेवल में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। वायु प्रदूषण विशेषज्ञ रवि रंजन के मुताबिक, हवा की गति धीमी है और सुबह से शाम तक धुंध की स्थिति बनी रह रही है। इस वजह से जमीन से उड़ने वाले धूल-कण वायुमंडल के निचले सतह पर मंडरा रहे हैं। इस वजह से वायु प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की जा रही है। कुछ इलाकों में एक्यूआई लेवल 100 के आसपास दर्ज किया गया है। रोज तोड़े जा रहे नियम… जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें शहर में डीजल ऑटो पर बैन लगा है, लेकिन कई इलाकों में चल रहे हैं। डीजल सिटी बसों पर भी बैन लगा है, पर स्कूली बसों को छूट दी गई है। सड़कों पर एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव हो रहा है, पर यह काफी नहीं। बालू-सीमेंट को ढककर ले जाना है, पर इसका पालन नहीं हो रहा है। सड़क किनारे पक्के पेवमेंट का निर्माण कराना है। अबतक बहुत कम जगहों पर काम हुआ है। कहां कितना एक्यूआई एयरपोर्ट-वेटनरी मैदान 311 तारामंडल 211 दानापुर डीआरएम ऑफिस 158 गांधी मैदान 168 इको पार्क 147 पटना सिटी 95 सगुना मोड़ गर्दनीबाग सिपारा पुुल 37 लाख की आबादी हर दिन प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर प्रदूषण को नियंत्रित करने में बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड नाकाम, एनजीटी के नियम ताक पर
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