यूपी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि से जुड़े फार्मर रजिस्ट्री के काम में ढिलाई पर कई जिलों के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। सुल्तानपुर, बलिया, संतकबीरनगर, गोरखपुर और बागपत जैसे जिले लक्ष्य से काफी पीछे हैं। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने साफ कहा है कि अगर इन जिलों ने तुरंत गति नहीं बढ़ाई, तो कड़ी कार्रवाई होगी। ऐसे में सवाल है कि फार्मर रजिस्ट्री क्या है? यह पीएम किसान से कैसे जुड़ी है? किन जिलों का प्रदर्शन खराब रहा और क्यों? धीमी रफ्तार का किसानों की किश्त पर क्या असर पड़ता है? क्या पीएम सम्मान निधि रुक जाएगी? फार्मर रजिस्ट्री क्या है? फार्मर रजिस्ट्री एक ऐसी सरकारी व्यवस्था है जिसमें किसानों की पूरी जानकारी (नाम, आधार, मोबाइल नंबर, खेत का विवरण, बोई गई फसल) डिजिटल रूप में दर्ज की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को एक पहचान देना और सभी सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे उनके खाते में पहुंचाना है। इसके जरिए किसान आसानी से पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, सब्सिडी, और अन्य कृषि योजनाओं का फायदा ले सकते हैं। यह प्रणाली पारदर्शिता बढ़ाती है। गलत या डुप्लीकेट फायदे को रोकती है। इससे किसानों को सही समय पर सही सहायता मिलती है। कैसे कराएं फार्मर रजिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन?
फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसानों को अपनी खेती का पूरा विवरण वेबपोर्टल पर upfr.agristack.gov.in पर दर्ज करना होगा। इसके तहत आधार कार्ड, उससे लिंक मोबाइल नंबर एवं खतौनी संख्या शामिल है। किसानों को फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए अपनी नजदीकी पंचायत भवन में जाना होगा। यहां राजस्व विभाग की टीम किसानों का पूरा विवरण एकत्र करेगी। अगर कोई किसान कैंप में उपस्थित नहीं हो पाता, तो वह केंद्र सरकार के पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी खुद भी दर्ज कर सकता है। इसके अलावा यह प्रक्रिया कृषक मित्र ऐप या जन सुविधा केंद्र (CSC) के जरिए भी पूरी की जा सकती है। इन पोर्टल्स और ऐप्स पर किसान अपना विवरण भरकर आसानी से फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं। फार्मर रजिस्ट्री कराने के ये हैं फायदे
फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा आसानी से मिलेगा। ऋण, केसीसी भी आसानी से मिल सकेंगे। फसल बीमा का फायदा हासिल करने में आसानी होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन हो सकेगा। फार्मर रजिस्ट्री पीएम किसान से कैसे जुड़ी है?
केंद्र सरकार पीएम-किसान सम्मान की किश्त जारी करने से पहले राज्यों से सही और अपडेटेड किसान डेटा मांगती है। राज्य सरकार यही डेटा फार्मर रजिस्ट्री से भेजती है। यानी फार्मर रजिस्ट्री अपडेट होती है, तो पीएम किसान की किश्त जारी होती है। रजिस्ट्री अधूरी रहती है, तो किश्त होल्ड हो जाती है। इसका किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अगर किसान का रजिस्ट्री डेटा अधूरा है, जमीन का रिकॉर्ड मिसमैच है या सत्यापन पेंडिंग है, तो उसकी पीएम किसान की किश्त ‘होल्ड’ में चली जाती है। ऐसे किसानों को अगला भुगतान तब तक नहीं मिलेगा, जब तक उनका रिकॉर्ड पूरी तरह वेरिफाई नहीं हो जाता। किन जिलों का प्रदर्शन खराब रहा?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जुड़े फार्मर रजिस्ट्री अपडेट में यूपी के कई जिलों का प्रदर्शन उम्मीद से काफी नीचे है। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सुलतानपुर, बलिया, संतकबीरनगर, गोरखपुर और बागपत सहित कई जिलों को कमजोर प्रदर्शन की सूची में रखा है। 20 नवंबर तक के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का काम 59.10 फीसदी तक पूरा हो गया है। अब तक 1,66,49,184 पीएम किसान लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। अकेले 20 नवंबर को प्रदेश में 55,460 नई फार्मर आईडी जेनरेट की गईं। गाजियाबाद का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। यहां करीब 80 फीसदी काम हो चुका है। वहीं लखनऊ में 63 प्रतिशत तक फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है। कमजोर प्रदर्शन की क्या रही वजह?
कई जिलों में खसरा-खतौनी का डिजिटल अपडेट समय पर नहीं हो पा रहा है। भूमि संबंधी गलतियों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें सुधारने में समय लग रहा। लेखपाल और राजस्व टीमों की कमी या उनके पास अन्य प्रशासनिक काम होने से वेरिफिकेशन की रफ्तार बहुत धीमी पड़ी है। साथ ही कई जगह किसानों के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है। आधार-बैंक मिसमैच, गलत नाम और जमीन रिकॉर्ड में अंतर जैसी गलतियों के कारण कई आवेदनों को रिजेक्ट या पेंडिंग रखा गया है। क्या फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई तो पीएम किसान सम्मान निधि रुक जाएगी?
लखनऊ के जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह बताते हैं- राज्य सरकार ने साफ संकेत दिया है कि फार्मर रजिस्ट्री अपडेट न होने पर इसकी किश्त प्रभावित होगी। पीएम किसान का भुगतान अब केवल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा, जिनका रिकॉर्ड पूरी तरह वेरिफाइड है। अगर किसी किसान का डेटा फार्मर रजिस्ट्री में अधूरा है, जमीन रिकॉर्ड मिसमैच है, या आधार-बैंक लिंकिंग सही नहीं है। या फिर फील्ड वेरिफिकेशन पेंडिंग है तो उसकी PM-Kisan की अगली किश्त होल्ड हो जाएगी। किसान को पैसा तभी मिलेगा, जब उसका रजिस्ट्री रिकॉर्ड ठीक हो जाएगा। तेग बहादुर बताते हैं- सरकार इस समय तीन बड़े कामों पर फोकस कर रही है। इनमें गांवों की जमीनों की जियो-रेफरेंसिंग, डिजिटल क्रॉप सर्वे और फार्मर रजिस्ट्री (किसान का पूरा डिजिटल रिकॉर्ड) शामिल हैं। इन तीनों को जोड़कर सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर किसान का ROR (Record of Rights) यानी जमीन का पूरा ब्योरा डिजिटल प्लेटफॉर्म से लिंक हो जाए। पीएम किसान सम्मान निधि क्या है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि केंद्र सरकार की एक प्रमुख वित्तीय सहायता योजना है। इसके तहत देश के सभी पात्र किसानों को हर साल 6000 रुपए दिए जाते हैं। ये सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है। ये पैसा तीन किश्तों में भेजा जाता है। हर 4 महीने में 2000 की एक किश्त जारी होती है। यह राशि केवल उन्हीं किसानों को मिलती है, जिनका रिकॉर्ड सरकार के पोर्टल पर सत्यापित होता है। —————————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी में बच्चे की पीठ पर पूंछ क्यों निकली?, जन्म से पहले सबकी होती है; इंसानों और जानवरों की पूंछ में क्या अंतर मऊ जिले में डेढ़ साल के सूर्यांश के शरीर में पूंछ निकल आई, जो उम्र के साथ बढ़ने लगी। यह देख उसके घरवाले उसे हनुमानजी मानकर पूजने लगे। बच्चे को चलने और कहीं पूंछ छू जाने से तेज दर्द होता था। उसके मां-बाप बच्चे को लेकर लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उनकी काउंसलिंग की। सर्जरी करके बच्चे की पूंछ हटा दी। पढ़िए पूरी खबर…
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