बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जबरदस्त हार मिली है। जिसको लेकर अंदरूनी विवाद भी तेज हो गया है। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन को मिली हार के लिए तेजस्वी यादव को नहीं, बल्कि गठबंधन में मौजूद भीतरी गुनहगारों को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि किसी जमाने में पप्पू यादव, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का दामाद बनना चाहते थे। हालांकि बाद में उन्होंने रंजीत रंजन से लव मैरिज कर ली। बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव और रंजीत रंजन के लव स्टोरी की क्या थी कहानी… पप्पू यादव पटना की बांकीपुर जेल में बंद थे। जेल से ही सटा एक मैदान था, जहां लड़के खेलने आया करते थे। इसी समय पप्पू की पहचान विक्की नाम के एक सिख लड़के से हो गई। सुनेत्रा चौधरी की किताब ‘बिहाइंड बार्स: प्रिजन टेल्स ऑफ इंडियाज मोस्ट फेमस’ के मुताबिक, एक दिन विक्की, पप्पू को अपने परिवार की फोटो दिखा रहा था। इसमें एक तस्वीर स्कर्ट पहने टेनिस कोर्ट में खेलती एक लड़की की थी। बस वहीं पप्पू की नजर ठहर गई। उन्होंने विक्की से पूछा, ‘यह लड़की कौन है?’ जवाब मिला- ‘मेरी बहन रंजीत।’ लालू यादव की बेटी से शादी करना चाहते थे पप्पू 1990 के दशक में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पहचान सीमांचल में एक दबंग और बाहुबली नेता की थी।1990 में पप्पू सिंघेश्वर से विधायक और फिर 1991 में पूर्णिया से सांसद बन गए थे। पप्पू के लालू प्रसाद यादव से बहुत करीबी रिश्ते थे। पप्पू अक्सर लालू के घर आते। लालू के परिवार से भी मिलते। इन्हीं मुलाकातों के बीच पप्पू को लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती से प्यार हो गया। उन्होंने सीधे लालू यादव से मीसा का हाथ मांग लिया। सीनियर जर्नलिस्ट संकर्षण ठाकुर की किताब ‘द ब्रदर्स बिहारी’ के मुताबिक लालू यादव, पप्पू यादव को दामाद के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते थे। लालू ने पप्पू और मीसा की शादी से साफ इनकार कर दिया। यहां तक कि पप्पू से सारे रिश्ते भी खत्म कर दिए। बाद में 1999 में लालू ने मीसा की शादी इंजीनियर शैलेश कुमार से करा दी। जेल में लड़की की फोटो देख प्यार हुआ 1991 में पप्पू यादव आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल रहे थे। उन पर आंदोलन के दौरान हिंसा के आरोप लगे और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत जेल जाना पड़ा। हालांकि, जेल में भी पप्पू यादव को खास सुविधाएं मिली हुई थीं। वो पास के मैदान में खेलने जा सकते थे और जेल सुपरिटेंडेंट के फोन से बाहर बात भी कर सकते थे। जेल से सटे मैदान में पप्पू यादव की दोस्ती विक्की से हुई और फिर उन्होंने विक्की की बहन रंजीत की तस्वीर देखी। पप्पू यादव जेलर के फोन से रंजीत के घर फोन करने लगे। पहले तो सिर्फ आवाज सुनने के लिए ब्लैंक कॉल करते, फिर रंजीत से इधर-उधर की बातें करना भी शुरू कर दीं। ‘बिहाइंड बार्स: प्रिजन टेल्स ऑफ इंडियाज मोस्ट फेमस’ के मुताबिक यह सिलसिला साढ़े तीन महीने तक चला। उसके बाद पप्पू को जमानत मिल गई। पप्पू की तस्वीर देखकर रंजीत बोलीं- कितना मोटा लड़का है एक दिन पप्पू को पटना क्लब में हो रहे एक स्पोर्ट्स इवेंट में बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया। रंजीत ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया था। पप्पू ने जब पहली बार 17 साल की रंजीत को टेनिस खेलते देखा तो वहीं अपना दिल हार बैठे। ‘बिहाइंड बार्स: प्रिजन टेल्स ऑफ इंडियाज मोस्ट फेमस’ के मुताबिक पप्पू यादव से पहले रंजीत उनकी फोटो देख चुकी थीं, लेकिन उनकी भावनाएं पप्पू से अलग थीं। एक बार पप्पू यादव को बोटेनिकल गार्डन के गेस्ट हाउस में नजरबंद किया गया था। अखबार में इसकी खबर छपी थी। रंजीत ने पेपर में फोटो देखकर अपनी मां से कहा था, ‘देखो कितना मोटा लड़का है।’ सिक्योरिटी के बिना रंजीत का मैच देखने पहुंच जाते थे पप्पू कॉलेज के दिनों से ही पप्पू यादव की छवि एक दबंग की थी। विधायक बनने के बाद तो उनकी सीमांचल के कई गुटों से दुश्मनी भी हो गई। पप्पू को जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। इसलिए पहली बार विधायक बनने के बाद से वे हमेशा अपने साथ सिक्योरिटी लेकर चलते। पप्पू रंजीत के इतने दीवाने हो गए कि हर दिन उन्हें देखना चाहते। रंजीत पटना के मगध कॉलेज में पढ़ाई करतीं और पटना क्लब टेनिस की प्रैक्टिस करने जातीं। जब भी उनका कोई मैच होता तो पप्पू बिना सिक्योरिटी के ही मोटरसाइकिल से उन्हें देखने पहुंच जाते। रंजीत को अंदाजा नहीं था कि पूर्णिया के सांसद को उनसे प्यार हो गया है। पप्पू यादव एक इंटरव्यू में बताते हैं, ढाई-तीन साल तक हमारी रंजीता जी से कोई बात ही नहीं हुई। उन्हें हमारे बारे में कुछ पता ही नहीं था। रंजीत ने शादी से इनकार किया, तो पप्पू ने नींद की गोलियां खा लीं जब पप्पू आए दिन रंजीत का पीछा करने लगे, तो उन्हें कुछ ठीक नहीं लगा। रंजीत को भी आस-पास वालों से पता चल गया था कि पप्पू उन्हें पसंद करते हैं। रंजीत एक इंटरव्यू में बताती हैं कि विक्की से बात करने के बहाने वे घर पर कॉल करते, लेकिन कॉल उसी समय करते जब उन्हें पता होता कि विक्की घर पर नहीं है और मैं ही कॉल उठाऊंगी। पप्पू की इन हरकतों से रंजीत को समझ आने लगा था कि वे क्या चाहते हैं, लेकिन रंजीत के मन में प्यार जैसी कोई फीलिंग नहीं थी। एक दिन उन्होंने सीधे-सीधे पप्पू से बात की और उन्हें बता दिया कि हम दोनों का धर्म अलग है, इसलिए आगे कुछ नहीं हो सकता, लेकिन पप्पू ने तो रंजीत से ही शादी का मन बना लिया था। पप्पू यादव अपनी आत्मकथा, ‘द्रोहकाल का पथिक’ में बताते हैं कि बार-बार कोशिश करने पर भी रंजीत, उनके प्रपोजल को ठुकराती रहीं तो एक दिन आवेश में उन्होंने बहुत सारी नींद की गोलियां खा लीं। पप्पू को पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा। खैर, इससे पप्पू की जान तो नहीं गई, लेकिन रंजीत का दिल पिघल गया। रंजीत से शादी के लिए सिख बनने को तैयार थे पप्पू रंजीत के मान जाने के बाद भी पप्पू यादव के लिए शादी की राह आसान नहीं थी। दोनों के धर्म तो अलग थे ही, ऊपर से रंजीत के पिता गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी थे। उनकी मां को भी चिंता थी कि बेटी कैसे एक हिंदू परिवार में घुल-मिल पाएगी। हालांकि, पप्पू के परिवार की तरफ से कोई आपत्ति नहीं थी। वे एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘हमारे पिता बहुत खुले विचार वाले थे। उन्हें दूसरी जाति या धर्म में शादी से कोई समस्या नहीं थी।’ एक बार पप्पू, रंजीत के पिता को मनाने के लिए उनसे बात करने पहुंचे थे। रंजीत के पिता ने उनके सामने एक शर्त रख दी कि शादी करनी है तो उन्हें सिख धर्म अपनाना होगा। दरअसल, रंजीत के पिता सोच रहे थे ऐसी शर्त रख देंगे तो पप्पू पीछे हट जाएंगे, लेकिन पप्पू धर्म बदलने को भी तैयार हो गए। रंजीत की मां ने कहा कि बेटी बिहार में नहीं दिल्ली में रहेगी। पप्पू इस बात पर भी राजी हो गए। सभी शर्त मानने पर भी पप्पू को रंजीत से शादी की इजाजत नहीं मिल पाई। जब रंजीत के पिता ने शादी से साफ इनकार कर दिया तो पप्पू उनके भाई के पास गए और कहा- हम रंजीत से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। भाई ने तंज कसते हुए कहता है, ‘प्यार करते हो तो क्या? ऐश्वर्या राय से प्यार करोगे तो क्या उससे शादी हो जाएगी।’ इसके बाद पप्पू रंजीत के दूसरे भाई से भी बात करने पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी शादी से साफ इनकार कर दिया। ‘द्रोहकाल का पथिक’ में पप्पू बताते हैं कि जब उनके पास रंजीत के परिवार को मनाने का कोई रास्ता नहीं बचा तो वे राज्यसभा सांसद एस. एस. अहलूवालिया से मिलने दिल्ली पहुंच गए। अहलूवालिया भी सिख थे। रंजीत के परिवार में उनका खूब सम्मान था। आखिरकार उनके कहने पर रंजीत के माता-पिता शादी के लिए मान गए। रंजीत ने पप्पू को धर्म बदलने से मना किया और कहा कि दोनों अपना-अपना धर्म मानेंगे और एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करेंगे। शादी के लिए पूर्णिया आ रहीं रंजीत का चार्टर्ड प्लेन रास्ता भटका पप्पू और रंजीत के रिश्ते की शुरुआत से शादी तक सभी चीजें बड़े फिल्मी अंदाज में हुईं। जब रंजीत के घर वाले शादी के लिए मान गए, तो पूर्णिया के एक गुरुद्वारे में दोनों की शादी का कार्यक्रम तय हुआ। शादी के लिए रंजीत का परिवार एक चार्टर्ड फ्लाइट में अमृतसर से पूर्णिया आ रहा था। ‘द्रोहकाल का पथिक’ में पप्पू बताते हैं कि रंजीत का परिवार शादी के समय तक नहीं पहुंचा। सभी परेशान होने लगे। यह चिंता भी थी कि इतनी मुश्किल से शादी जुड़ने के बाद दुल्हन का परिवार आखिर आया क्यों नहीं। जब वे लोग पहुंचे तो पता चला कि प्लेन उड़ा रहा पायलट रास्ता भटक गया था, इसलिए उन्हें पूर्णिया पहुंचने में देर हो गई। आखिरकार 6 फरवरी, 1994 को पप्पू यादव और रंजीत की शादी हो गई। शादी में पप्पू ने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी और रंजीत ने लाल रंग का जोड़ा पहना था। शादी के लिए पूरा पूर्णिया सजा था। VIP मेहमानों से लेकर आम लोगों तक के लिए इंतजाम किए गए थे। उस समय बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव भी शादी में शामिल होने आए थे। शादी के बाद रंजीत ने भी ली राजनीति में एंट्री, अलग पार्टी में पति-पत्नी शादी के एक साल बाद ही रंजीत रंजन भी पप्पू की तरह राजनीति में आ गईं। उन्होंने सुपौल सीट से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा। हालांकि, इसमें उनकी हार हुई। इसके बाद वह पप्पू यादव के चुनावी कैंपेन में उनका साथ देती रहीं। पप्पू यादव रंजीत को एक अच्छी वक्ता और ईमानदार नेता मानते हैं। 2004 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट से रंजीत ने सहरसा से लोकसभा चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद बनीं। 2008 में पप्पू यादव को 1998 के CPM नेता अजीत सरकार हत्याकांड मामले में CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी। वे पहले पटना के बेऊर जेल में रहे। बाद में दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट किए गए। 2013 में हाईकोर्ट ने सबूतों की कमी के चलते उन्हें रिहा कर दिया। इस बीच 2009 में रंजीत ने सुपौल से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। 2014 में सुपौल से उनकी जीत हुई और दूसरी बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचीं। इस बार पप्पू भी RJD के टिकट पर माधोपुर से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। अभी रंजीत राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद हैं और पप्पू लोकसभा में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद। शादी के 30 साल बाद अलग रह रहे पप्पू-रंजीत पप्पू और रंजीत की शादी को 30 साल से ज्यादा हो गए हैं। उनका एक बेटा और बेटी है। पिछले साल रंजीत ने बताया था कि वे दोनों डेढ़-दो साल से अलग रह रहे हैं। दरअसल, अक्टूबर 2024 में पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके बारे में जब रंजीत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके और पप्पू यादव के बीच काफी मतभेद थे और अब वे अलग रह रहे हैं। इस धमकी से उनका और उनके बच्चों का कोई संबंध नहीं है। ————- जब प्यार में नीतीश कुमार ने आधी रात दौड़ाई बाइक: साथ रहने के लिए दिल्ली में पत्नी की नौकरी लगवाई, विवाद हुआ तो लालू को लिखी चिट्ठी शादीशुदा रामविलास को 12 साल छोटी एयरहोस्टेस से प्यार:प्रेमिका की जिद पर सिगरेट-शराब छोड़ी, सदन में मजाक उड़ा- ‘पासवान को दो फल मिले’
https://ift.tt/RaIFm4b
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply