DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

गृह मंत्री सम्राट के लिए बुलडोजर चलाना मुश्किल क्यों:नीतीश ने पद छोड़ा है; पावर नहीं, क्या लागू होगा योगी मॉडल, 3 पॉइंट में

बिहार में पहली बार गृह मंत्रालय भाजपा कोटे में आया है। डिप्टी CM सम्राट चौधरी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसे नीतीश कुमार के पावर को कम करने के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही सम्राट चौधरी का 2024 लोकसभा चुनाव का एक बयान चर्चा में है। जिसमें वह कहते हैं- ‘बालू माफिया, शराब माफिया और जमीन माफिया को मैं गया के जेल में बंद करूंगा नहीं तो पिंडदान करूंगा।’ चर्चा है कि बिहार में भी UP का कथित बुलडोजर मॉडल आएगा। क्या नीतीश कुमार के रहते ऐसा संभव है? नीतीश कुमार क्या अब पावर सेंटर नहीं रहे। सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने से क्या बदल जाएगा। जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। सवाल-1ः बिहार के गृह मंत्री पद का पूरा मामला क्या है? जवाबः 20 साल में पहली बार नीतीश कुमार ने गृह मंत्री पद भाजपा के लिए छोड़ दिया है। या यूं कहे कि विधानसभा में नंबर-1 पार्टी बनने के बाद भाजपा ने यह मंत्रालय अपने कोटे में ले लिया है। 21 नवंबर को हुए कैबिनेट बंटवारे में डिप्टी CM सम्राट चौधरी को गृह मंत्री बनाया गया है। सम्राट पिछली सरकार में भी डिप्टी CM थे, तब उनके पास वित्त मंत्रालय था। अब वित्त मंत्रालय JDU कोटे से मंत्री बिजेंद्र यादव के पास है। सवाल-2ः नीतीश कुमार के गृह मंत्री छोड़ने के मायने क्या हैं? जवाबः मोटे तौर पर 2 बड़े मायने हैं… 1. भाजपा ड्राइविंग सीट परः पॉलिटिकल एनालिस्ट अरविंद मोहन कहते हैं, ‘नीतीश कुमार से गृह मंत्री पद लेना भाजपा की बढ़ती ताकत की तरफ इशारा कर रहा है। अब भाजपा अपने हिसाब से बिहार को चलाना चाहती है। उसमें एग्रेशन, धर्म और जाति तीनों होगा।’ 2. नीतीश कुमार के पास ताकत नहीं बचीः पॉलिटिकल एनालिस्ट अरविंद मोहन कहते हैं, ‘2025 में नीतीश कुमार के विधायक भले 2020 से अधिक हैं। लेकिन उतने ताकतवार नहीं हैं कि अपने हिसाब से सरकार चला सके। उनके सामने भाजपा भी मजबूती से खड़ी है।’ अरविंद मोहन कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने ऐसे गृह मंत्रालय नहीं छोड़ा है। वह चारों तरफ से घिर गए थे। RJD के उतने विधायक नहीं है, जिससे वह मजबूती से सरकार बना सके। उम्र भी बढ़ रही है, ऐसे में उनके पास भाजपा की बात मानने की ही गुंजाइश बची थी।’ सवाल-3ः सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने से नीतीश कुमार क्या अब पावर सेंटर नहीं रहे? जवाबः ऐसा बिल्कुल नहीं है। नीतीश कुमार के पास सबसे बड़ा विभाग सामान्य प्रशासन है, जो IAS-IPS और बाकी अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और प्रमोशन करता है। मतलब, नीतीश कुमार जिसे चाहेंगे वही अफसर तैनात होगा। रिटायर्ड IPS एसके भारद्वाज के मुताबिक, सिर्फ गृह विभाग भाजपा के पास जाने से बिहार की पुलिसिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, IPS अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का पावर मुख्यमंत्री के पास ही है। हां, गृह मंत्री के पास DSP स्तर के पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार जरूर रहेगा। वह रूटीन काम कर सकते हैं। सरकार के अंदर बढ़ा सकता है टकराव वहीं, पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सर्वदेव सिंह बताते हैं, ‘नीतीश कुमार अब भी पावरफुल हैं। उनके पास अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार है। सम्राट चौधरी भले पुलिसिंग का काम देखेंगे लेकिन बड़े अफसरों को वह चाहकर भी नहीं हटा सकते।’ सवाल-4ः सम्राट चौधरी क्या बिहार में योगी मॉडल लागू कर सकते हैं? जवाबः मुश्किल है। एक्सपर्ट इसके पीछे 3 कारण बताते हैं… 1. UP की तरह बिहार में माफिया नहीं बचे सीनियर जर्नलिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘बिहार की राजनीति UP की तरह नहीं है। वहां धर्मांतरण कराने वाले झींगुर बाबा था तो माफिया के रूप में अंसारी-अतीक था। यहां शहाबुद्दीन-तस्लीमुद्दीन का साम्राज्य पहले ही समाप्त हो चुका है।’ प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘20 साल में नीतीश कुमार ने सुशासन के जरिए माफिया को खत्म कर दिया है। UP की तरह संगठित अपराध नहीं है। योगी आदित्यनाथ जब UP में आए थे तो उनके सामने माफिया राज था। उनके मिजाज मतलब हिंदू-मुस्लिम एंगल भी था, बिहार में ऐसा नहीं है।’ 2. नीतीश कुमार अब भी अहम पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सर्वदेव सिंह कहते हैं, ‘नीतीश कुमार की पूरी पॉलिटिक्स कानून के राज वाली रही है। वह कानून के दायरे में रहकर काम करने वाले नेता हैं। बुलडोजर जस्टिस किसी भी तरह से कानून के दायरे में नहीं आता है। यह कानून का खुला उल्लंघन है।’ सीनियर जर्नलिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘नीतीश कुमार उम्र के इस पड़ाव पर अपने ऊपर यह दाग नहीं लगने देंगे। वह कमजोर भले हुए हैं लेकिन अपनी इमेज को लेकर बहुत सचेत रहने वाले नेता हैं।’ 3. बिहार में अलग शासन व्यवस्था सर्वदेव सिंह बताते हैं, ‘बिहार में बाकी राज्यों से अलग व्यवस्था है। UP में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू है, बिहार में ऐसा नहीं है। बिहार में मजिस्ट्रियल पावर और पुलिस पावर अलग-अलग है। कानून व्यवस्था की स्थिति में पुलिस का डेपुटेशन मजिस्ट्रेट के बिना नहीं होता। मजिस्ट्रेट मोस्टली IAS ही होते हैं।’ मतलब यह हुआ कि सम्राट के लिए योगी की डगर कठिन है। नीतीश कुमार को बिना विश्वास में लिए वह कुछ नहीं कर सकते। बिना सामान्य प्रशासन विभाग के गृह मंत्रालय दंत विहीन विभाग है। सवाल-5ः बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है? जवाबः 13 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में ‘बुलडोजर जस्टिस’ पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा, ‘कानून को ताक पर रखकर किया गया ‘बुलडोजर जस्टिस’ असंवैधानिक है। किसी के घर को सिर्फ इस आधार पर नहीं तोड़ा जा सकता है कि वो दोषी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफसर न्याय करने का काम अपने हाथ में नहीं ले सकते। वे किसी व्यक्ति को कोर्ट में मुकदमा चलाए जाने से पहले ही दोषी नहीं ठहरा सकते। वे जज नहीं बन सकते। फैसले में संविधान के आर्टिकल 21 का भी जिक्र किया गया। इसके तहत लोगों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के घरों में रहने के मौलिक अधिकार को खत्म करने के लिए बुलडोजर एक्शन के ‘डरावने मंजर’ की बात कही। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से घरों और प्रॉपर्टी को गिराने को लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की।


https://ift.tt/pbnJmgY

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *