पटना। गोवा में चल रहे 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में नॉलेज सीरीज के तहत रूटेड इन रिजन बिहार्स इमर्जिंग सिनेमा विषय पर चर्चा हुई है। कार्यक्रम में 40 हजार प्रोड्यूसर से बिहार में अपनी अगली फिल्म की शूटिंग करने की अपील की गई है। इस चर्चा में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम (बिहार फिल्म निगम) के प्रबंध निदेशक और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव आईएएस प्रणव कुमार, अभिनेता विनीत कुमार और निर्माता और अभिनेता विकास कुमार शामिल हुए। फिल्म निगम के प्रबंध निदेशक ने कहा कि बिहार लगातार विकसित हो रहा है। उसी कड़ी में नए पहल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले भी शूटिंग होती, लेकिन अब उसे एक व्यवस्थित रूप दिया गया है। बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति बनाने से पहले विभिन्न राज्यों और देश की फिल्म नीतियों का अध्ययन किया गया है और सबकी अच्छी बातों को लेने के साथ ही फिल्म निर्माताओं की खास जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शूटिंग के लिए प्रोड्यूसर को आकर्षित करने के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि निर्माताओं की सुविधा के लिए वन विंडो क्लियरेंस रखा गया है। हर जिले में नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति में फिल्म के साथ-साथ वेबसीरीज, टीवी सीरियल और डॉक्यूमेंट्री में भी ये सहूलियतें देने के साथ ही अनुदान की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बिहार के हर जिले में शूटिंग स्थलों का डेटाबेस बनाया है। जल्द ही इन स्थलों को वीआर मोड में देखा जा सकता है, इससे शूटिंग स्थल पर रेकी किए बिना भी बहुत हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा, लोकेशन के साथ ही वहां फिल्म निर्माताओं की पूरी जानकारी रहेगी। प्रणव कुमार ने कहा कि बिहार की जो छवि बनी थी। वह काफी पुरानी बात हो गई है। बिहार में सुरक्षा की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। बिहार में जिन्होंने शूटिंग की है उन्हें यह बात पता है। उन्होंने कहा कि बिहार की छवि सिनेमा से बदलने की कोशिश नहीं है, बल्कि यहां फिल्म निर्माण की संस्कृत बनाना मुख्य उद्देश्य है।
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