सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड से जुड़े मस्जिद, दरगाह, मजार, इमामबाड़ा, मदरसा, खानकाह, कर्बला और कब्रिस्तान के दस्तावेज उम्मीद सेंट्रल पोर्टल 2025 पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसमें वक्फनामा, खतियान, केबाला, लगान रसीद और सर्वे से जुड़े कागजात शामिल हैं। अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2025 है। वक्फ संशोधन अधिनियम के तहत वक्फ के अधीन सभी जमीन और जायदाद को पोर्टल पर दर्ज करना जरूरी है। केंद्र सरकार ने छह माह पहले यह पोर्टल बनाया और सभी राज्यों के सुन्नी-शिया वक्फ बोर्ड को दस्तावेज अपलोड करने का निर्देश दिया था। 6800 संपत्तियां, 5200 दस्तावेज अपलोड सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधीन बिहार में 2823 वक्फ स्टेट हैं। इनमें करीब 6800 मस्जिद, दरगाह, मजार, कब्रिस्तान, इमामबाड़ा, मदरसे, खानकाह, कर्बला, खेत प्लॉट और मार्केट शामिल हैं। दस्तावेज अपलोड के लिए 3 स्तर बने हैं। मेकर (मुतवल्ली), चेकर व बोर्ड के सीईओ द्वारा अप्रूवल। सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो. इरशादुल्लाह ने बताया कि 3 हजार संपत्तियों के कागजात अपलोड हो चुके हैं। 3600 संपत्तियां, 2200 दस्तावेज अपलोड शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद अली आजाद ने कहा कि राज्य में 350 वक्फ स्टेट और 3600 संपत्तियां हैं। इनमें 2200 दस्तावेज अपलोड किए जा चुके हैं। दोनों बोर्डों ने बताया कि मौलाना मजहरूल हक ऑडिटोरियम और हज भवन में जिलेवार कैंप लगाया गया है। शनिवार और रविवार को भी अपलोडिंग हो रही है। काम रात 10 बजे तक चल रहा है। क्या होगा फायदा पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड होने से वक्फ की सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। मस्जिद, दरगाह, मदरसे सहित सभी अचल संपत्तियों की जानकारी बोर्ड, बिहार सरकार और केंद्र सरकार को उपलब्ध होगी। बाद में इन दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन भी संभव होगा।
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