जेरूशलम में इन दिनों वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का दौरा काफी चर्चा में है। एक के बाद एक कई देशों के साथ ट्रेड डील की बातचीत के बीच उनका यह इजरायल दौरा भारत की आर्थिक और रणनीतिक प्राथमिकताओं को और स्पष्ट करता है। बता दें कि मौजूदा समय में दुनिया भर में भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने भरोसे ने वैश्विक व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर तैयार किया है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अलग-अलग देशों के साथ बातचीत करते समय सबसे पहली प्राथमिकता भारत के किसानों, मछुआरों, MSME सेक्टर और स्थानीय उद्योगों के हितों को सुरक्षित रखना है। उन्होंने यह भी बताया कि मीडिया की नजरें कड़ी होने के बावजूद उन्हें यह सारा संवाद काफी उपयोगी लगता है क्योंकि इससे उद्योग जगत और समाज की भावनाओं का अंदाजा मिलता है, जिससे निर्णय लेना आसान हो जाता है।
इजरायल के साथ संभावित फ्री ट्रेड डील पर बात करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देश टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और अब यह देखा जा रहा है कि इस समझौते को दो चरणों में पूरा किया जा सकता है या नहीं। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर समझौता दो फेज में होता है तो शुरुआती अध्याय ऐसे होंगे जिनका तत्काल लाभ दोनों देशों के कारोबार को मिल सके।
इसी दौरान उन्होंने इजरायल में प्रस्तावित 50 अरब डॉलर के बड़े मेट्रो प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। मौजूद जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट तेल अवीव शहर के लिए है, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की अंडरग्राउंड टनलिंग शामिल है। गोयल का कहना है कि इजरायल चाहता है कि भारत की कंपनियां इस प्रोजेक्ट में भाग लें क्योंकि भारत ने मेट्रो निर्माण में विशाल अनुभव हासिल किया है और 23 शहरों में मेट्रो सफलता से संचालित की जा रही हैं। इससे भारत की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नया अवसर मिलेगा और देश में रोजगार भी बनेगा।
भारत-इजरायल रिश्तों पर बात करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसा, तकनीक और नवाचार को लेकर एक मजबूत समझ है। हाईटेक, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, AI और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में साझेदारी दोनों देशों को वैश्विक स्तर पर और मजबूत बना सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इजरायल के मंत्री नीर बरकात के साथ उनकी विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें कई परियोजनाओं को जल्द जमीन पर उतारने पर सहमति बनी।
इस बीच गोयल द्वारा जेरूशलम में ऑटोनॉमस कार चलाने का वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। इस पर उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी गाड़ियों की जरूरत से ज्यादा उसके सुरक्षा फीचर्स का महत्व है। उन्होंने बताया कि इजरायल में विकसित यह तकनीक अगर भारत जैसे बड़े बाजार में आती है तो इसका दाम काफी कम हो जाएगा और सुरक्षा में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
कुल मिलाकर, यह दौरा दोनों देशों की व्यापारिक और तकनीकी साझेदारी को एक नई दिशा देने वाला साबित होता दिख रहा है और सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में इसके ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे, जिनसे दोनों देशों को लाभ मिलेगा और सहयोग और गहरा होगा।
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