बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने के लिए भारत को एक आधिकारिक पत्र भेजा है। इसमें हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है। अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार एमडी तौहीद हुसैन ने इसकी जानकारी दी है। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी BSS के मुताबिक यह पत्र शुक्रवार 21 नवंबर को भारत भेजा गया। इसे नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के जरिए भेजा गया। बांग्ला अखबार प्रथोम अलो के मुताबिक बांग्लादेश अब तक 3 बार भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है। इससे पहले पिछले साल 20 और 27 दिसंबर को चिट्ठी लिखकर शेख हसीना को सौंपने की अपील की जा चुकी है। भारत ने अब तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है। शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई 17 नवंबर को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने हसीना और उनकी सरकार में गृहमंत्री रहे असदुज्जमान खान कमाल को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में मौत की सजा सुनाई। दोनों की यह सुनवाई गैरहाजिरी में हुई थी। उन्हें ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने के लिए मौत की सजा दी। बाकी मामलों में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। ICT ने उन्हें 5 मामलों में आरोपी बनाया था। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया। तीसरे आरोपी पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई। ममून हिरासत में हैं और सरकारी गवाह बन चुके हैं। तख्तापलट के बाद भारत आ गईं थीं हसीना 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान ने देश छोड़ दिया था। दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं। बांग्लादेश के पीएम ऑफिस ने बयान जारी कर कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, उसके मुताबिक यह भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूर्व बांग्लादेशी पीएम को हमारे हवाले करे।
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