गयाजी के छकरबंधा आरक्षित वन क्षेत्र में चीतल के शिकार का मामला सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य आरोपी फरार हैं। पूरा मामला गुरुवार को मिली उस गुप्त सूचना से खुला, जिसमें बताया गया था कि भैंसादोहर गांव के कुछ लोग जंगल में एक चीतल का शिकार कर उसके अवशेष छुपा दिए हैं। मुखबिर ने एक फोटो भी उपलब्ध कराया था, जिसमें चीतल जैसे वन्यजीव के शव को काटते हुए एक युवक की तस्वीर स्पष्ट दिख रही थी। उस तस्वीर के वायरल होते ही वन विभाग में हड़कम्प मच गया था। वह विभाग के कर्मियों ने अपने मुखबिरों को सक्रिय किया तो मामला खुल सका। रविवार दोपहर आरोपी जुबैर आलम को किया अरेस्ट सूचना मिलते ही वन विभाग ने एक विशेष टीम का गठन किया और छकरबंधा थाना पुलिस के साथ मिलकर भैंसादोहर गांव में छापेमारी की। यहां से आरोपी जुबैर आलम को रविवार दोपहर गिरफ्तार कर थाने लाया गया। पूछताछ में जुबैर ने चौंकाने वाली जानकारी दी। उसने स्वीकार किया कि गुरुवार को छकरबंधा जंगल में चीतल का शिकार किया गया था। उसने यह भी बताया कि इस शिकार में इस्लामपुर के खुर्शीद अंसारी और कुर्बान अंसारी भी शामिल थे। टीम ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की, लेकिन वे फरार मिले। गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर वन विभाग की टीम छकरबंधा जंगल पहुंची। पहाड़ी नाले से लगभग 100 मीटर पश्चिम, घनी झाड़ियों के बीच चीतल जैसे वन्यजीव के अवशेष मिले। वहां चीतल का सिर, खाल और चारों पैर अलग-अलग बिखरे पड़े थे। टीम ने मौके पर गहन तलाशी के बाद सभी अवशेषों को एकत्र किया और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम तहत जप्ती की कार्रवाई की। जप्ती सूची की दो प्रतियां मौके पर तैयार की गईं, जिसमें से एक प्रतिलिपि वहीं चिपका दी गई। पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूल किया जुर्म अवशेषों का सत्यापन डुमरिया के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी की ओर से कराया गया। इसके बाद उन्हें सुरक्षित तरीके से वन प्रक्षेत्र कार्यालय, इमामगंज में रखा गया है। आरोपी जुबैर आलम ने पूछताछ के दौरान अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे वन विभाग की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी सूचना उसके परिजनों को भी दे दी गई। वन विभाग के रेंजर कुलदीप चौहान ने बताया कि इस मामले में वनरक्षी कुंदन कुमार ने जुर्म प्रतिवेदन संख्या 1439, थाना में समर्पित किया है। वन विभाग के अनुसार आरोपियों ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधन 2022) की धारा 2, 9 और 51 का घोर उल्लंघन किया है। यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आता है। फरार दोनों आरोपियों की तलाश जारी है, और मामले से संबंधित आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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