CMS में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन पर रविवार को न्यायविदों और कानूनविदों ने संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार करने पर सहमति जतायी। देशों के बीच आपसी युद्ध और हिंसा को रोके। संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध, आतंकवाद और उग्रवाद रोकने के प्रभावी कदम उठाए। सम्मेलन में शामिल 52 देशों के 160 से अधिक न्यायाधीशों और कानूनविदों के साथ विभिन्न देशों से आए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष व प्रतिष्ठित हस्तियों ने मेयर सुषमा खर्कवाल की अगुवाई में सर्वसम्मति से लखनऊ घोषणा पत्र जारी किया। घोषणा पत्र में न्यायविदों व कानूनविदों ने संयुक्त राष्ट्र संघ में तत्काल सुधार का आह्वान किया है। सभी ने भावी पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण एवं शान्तिपूर्ण विश्व व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये दुनिया के सभी देश एकजुट होकर ठोस कदम उठाने की अपील की। गोमतीनगर के विशाल खण्ड स्थित सीएमएस में रविवार की शाम न्यायविद और कानून विदों के सम्मान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए। मेयर ने जारी किया घोषणा पत्र मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशों व अन्य अतिथियों ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप सारे विश्व में एकता एवं शांति स्थापना के लिये सर्वसम्मति से जो लखनऊ घोषणा पत्र जारी किया है। इसके माध्यम से भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य का अधिकार अवश्य ही मिलेगा। एकता, शान्ति व समता की भावना आधारित नवीन विश्व व्यवस्था का निर्माण होगा। विश्व एकता व विश्व शान्ति के लिये ठोस कदम उठाएं सभी ने एक स्वर से कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य संयुक्त राष्ट्र में अविलम्ब सुधार की तत्काल आवश्यकता है। एक नई विश्व व्यवस्था के गठन तक हमारा प्रयास निरन्तर जारी रहेगा। घोषणा पत्र में सभी ने विश्व एकता व विश्व शान्ति के लिये ठोस कदम उठाने की जरूरत बतायी। साथ ही मूलभूत अधिकारों, सभी धर्मों का आदर करने एवं विद्यालयों में नागरिक शिक्षा, शान्ति शिक्षा और अन्तर सांस्कृतिक समझ की शिक्षा देने के लिए भी कहा। न्यायविदों ने संकल्प व्यक्त किया कि वे अपने-अपने देश जाकर अपनी सरकार के सहयोग से इस मुहिम को आगे बढायेंगे। जिससे विश्व के सभी नागरिकों को नवीन विश्व व्यवस्था की सौगात मिल सके। 20 से 23 नवम्बर तक सीएमएस कानपुर रोड में आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 26वां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन रविवार को खत्म हुआ। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 पर आधारित यह सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित था। सीएमएस प्रबन्धक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि परिचर्चा में दुनिया भर के न्यायविदों व कानूनविदों ने विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य की जो अलख जगाई है। विभिन्न देशों के बीच संवाद कायम करने, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने एवं संयुक्त राष्ट संघ में रचनात्मक बदलाव के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को न्याय आधारित विश्व व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु सभी देशों को प्रेरित करेगा। सीएमएस के हेड कम्युनिकेशन्स ऋषि खन्ना ने बताया कि सम्मेलन के तहत रविवार को बिल्डिंग टुमारोज लीगल आर्किटेक्चर: इन्हैन्स्ड आर्बिट्रेशन एण्ड ज्यूडिशियल कार्पोरेशन विषय पर चर्चा हुई। मांग पत्र में ये रहे मुख्य बिन्दु 1-संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध, आंतकवाद और उग्रवाद रोकने के प्रभावी कदम उठाएं। 2-विश्व संसद की स्थापना पर विचार करें। 3-भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं और अन्तरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार न्यायाल की स्थापना पर विचार करें। 4-जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में किये गए समझौतों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिये त्वरित कदम उठाएं। 5-इंसान और पृथ्वी के हित में सामूहिक विनाश के हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाएं
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