भागलपुर में समाज में बढ़ते मादक पदार्थों, शराब तस्करी और शराब के नशे में हंगामा मचाने वाली घटनाओं को लेकर शरन्य राष्ट्रीय मानवाधिकार भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ईशान सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार पुलिस प्रशासन से अविलंब प्रभावी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में तस्करी का जाल तेजी से फैलता जा रहा है और इसका सबसे बड़ा शिकार समाज के युवा व किशोर हो रहे हैं। डॉ. सिन्हा ने बताया कि मादक पदार्थों, विशेषकर ब्राउन शुगर की बढ़ती उपलब्धता ने समाज को गहरी चिंता में डाल दिया है। कुछ दिन पहले उनके कार्यालय पर भी शरारती तत्वों ने उत्पात मचाया था, लेकिन पुलिस की भूमिका उस वक्त उदासीन रही। उनका कहना था कि जब मानवाधिकार संगठन के पदाधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तब आम लोगों की सुरक्षा का अंदाजा लगाना मुश्किल है। स्थिति और भयावह हो सकती उन्होंने बिहार के डीजीपी, सभी जिलों के सीनियर एसपी और पुलिस प्रशासन को चेताया कि यदि जल्द कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो स्थिति और भयावह हो सकती है। कहा कि शहरों-मोहल्लों में रात के समय असामाजिक तत्वों की ओर से शोर-शराबा, गाली-गलौज और हंगामे की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे किसी भी वक्त बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मानवाधिकार संगठन का उद्देश्य समाज में शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करना है। लेकिन पुलिस प्रशासन की ढिलाई से तस्करों और शराब माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। बिहार में पूर्ण शराबबंदी होने के बावजूद शराब की अवैध बिक्री व खपत पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते परिवार टूट रहे हैं और युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसती जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्था के जिला अध्यक्ष प्रेम शंकर तिवारी, जिला सचिव सुबोध शर्मा, जिला मीडिया प्रभारी मनीष राम, सीनियर एडवोकेट राजेश कुमार जायसवाल सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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