साहित्य आजतक 2025 के आखिरी दिन उर्दू साहित्य के चर्चित लेखक प्रो. खालिद जावेद ने अपने लेखन सफर, दर्शन से जुड़ाव और एक सच्चे राइटर की असल पहचान पर बेबाक बातें कीं. उन्होंने बताया कि लेखक कैसे बनता है, संवेदनाओं की क्या भूमिका है और साहित्य–दर्शन का रिश्ता आखिर किस तरह काम करता है.
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