नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपनी पार्टी CPN-UML के लिए एक सिक्योरिटी फोर्स ‘नेशनल वॉलंटियर सर्विस’ बनाने की घोषणा की है। ओली ने कहा कि देश में सुरक्षा व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने सरकार पर लोगों, मीडिया और पेशेवरों की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। ओली ने कहा कि अब उनकी पार्टी खुद आगे बढ़कर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी। सितंबर में Gen-Z प्रदर्शनों के बाद ओली को पीएम इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद से UML कार्यकर्ताओं और युवा समूहों के बीच कई जगह झड़पें हो चुकी हैं। पिछले हफ्ते साउथ नेपाल में UML की रैली के तुरंत बाद Gen Z ग्रुप और UML कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद दो दिन तक हिंसा हुई। अंतरिम सरकार चुनाव में सेना उतारने की तैयारी नेपाल में लगातार हो रही झड़पों के बीच अंतरिम सरकार आम चुनावों में सेना तैनात करने की तैयारी कर रही है। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद सरकार को सिफारिश भेजी है कि 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनावों में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सेना की मदद ली जाए। NSC के सदस्य सचिव और रक्षा सचिव सुमन राज अर्याल ने कहा कि उद्देश्य चुनाव को फ्री, फेयर और भयमुक्त बनाना है। गृह मंत्रालय पहले ही एक संयुक्त सुरक्षा प्लान मंजूर कर चुका है और उसे देश के 77 जिलों में लागू करने के निर्देश जारी हो चुके हैं। UML नेताओं के विरोध में भड़की थी हिंसा नेपाल के मधेश प्रांत के बाड़ा में 19 नवंबर को Gen Z युवाओं और सत्तारूढ़ पार्टी CPN-UML के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। गई। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था। UML के टॉप नेता शंकर पोखरेल और महेश बस्नेत पार्टी के ‘यूथ अवेकनिंग कैंपेन’ में शामिल होने बाड़ा जिले के सिमरा आने वाले थे। उनकी आने से पहले Gen Z समूह ने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की थी। इन पोस्ट के बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी। बुधवार सुबह करीब 10 बजे 100-150 युवा सिमरा चौक पर जुटे, जहां उनकी UML कार्यकर्ताओं से भिड़ंत हो गई। विवाद बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी और मारपीट में बदल गया। Gen Z नेताओं का आरोप है कि UML कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया, जिसमें कई युवक घायल हुए। झड़प के बाद कुछ युवा एयरपोर्ट की ओर बढ़े और मुख्य गेट को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और 4 राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े। बढ़ते तनाव के कारण एयरपोर्ट का संचालन रोकना पड़ा। UML के केंद्रीय नेता भी अपना दौरा टाल गए। कर्फ्यू के दौरान भी कई Gen Z युवा सड़कों पर उतर आए, टायर जलाए और पुलिस पर UML का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई, हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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