इटावा सफारी पार्क में रहने वाली बब्बर शेरनी जया की तबीयत इन दिनों चिंता का विषय बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, बीते 3 नवम्बर को जया और उसी क्राल में रहने वाली शेरनी आशी के बीच खेलते समय झड़प हो गई थी, जिसमें आशी के पंजे के नाखून से जया के पिछले पैर में गंभीर चोट आ गई थी। सफारी पार्क की वन्यजीव चिकित्सा टीम द्वारा तत्काल इलाज शुरू किया गया और कुछ ही दिनों में जख्म पूरी तरह ठीक भी हो गया। लेकिन उपचार के बाद अब जया के शरीर का तापमान सामान्य मानक से अधिक पाया जा रहा है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। चिकित्सकों ने जया की स्थिति समझने के लिए एंटीबायोटिक सेंसिटिव टेस्ट कराया, जिसके आधार पर उपयुक्त एंटीबायोटिक दिया जा रहा है। बावजूद इसके, अब तक बहुत कम सुधार दर्ज किया गया है। इस स्थिति को देखते हुए देशभर के प्रमुख वन्यजीव विशेषज्ञों, पशु वैज्ञानिकों एवं अन्य प्राणी उद्यानों से ऑनलाइन सलाह कर उपचार प्रक्रिया जारी रखी गई है। सकारात्मक बात यह है कि जया अभी भी पूर्ण मात्रा में आहार ग्रहण कर रही है, जो उसके स्वास्थ्य संकेतों में एक अच्छा संकेत माना जा रहा है। ज्ञात हो कि शेरनी जया और आशी दोनों की उम्र करीब डेढ़ वर्ष है। इनकी मां नीरजा ने जन्म के बाद इन्हें दूध नहीं पिलाया था, जिसके कारण इन्हें मानव सहारे से पाला गया था। इसलिए दोनों शेरनियों का व्यवहार और शारीरिक संवेदनशीलता प्राकृतिक वन्यजीवों से अलग पाई जाती है। इटावा सफारी पार्क के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने बताया कि जया की स्वास्थ्य स्थिति पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है और उम्मीद है कि विशेषज्ञ उपचार से उसकी तबीयत जल्द सुधर जाएगी।
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