आम आदमी पार्टी (आप) की ‘रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा रविवार को अपने ग्यारहवें दिन प्रयागराज पहुंची। इस यात्रा का नेतृत्व पार्टी सांसद डॉ. संजय सिंह कर रहे हैं। तेलियरगंज इलाके से शुरू हुई इस पदयात्रा में जनता का अभूतपूर्व समर्थन देखने को मिला। सुबह 10 बजे वृंदावन वाटिका, मऊआईमा से आरंभ हुई इस पदयात्रा में छात्रों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों का उत्साह चरम पर रहा। जगह-जगह संजय सिंह का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान सोरांव के दिव्यांग बुजुर्ग रामकुमार ने फर्जी बिजली बिल की शिकायत की, वहीं पेंशनधारी रामसुखी पटेल ने बताया कि जीवित होने के बावजूद उन्हें मृत दिखाकर पेंशन बंद कर दी गई है। इन दोनों मामलों पर संजय सिंह ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया। यात्रा में शामिल बड़ी संख्या में छात्रों और युवाओं ने ‘रोज़गार दो’ के नारे लगाए, जिससे यह एक व्यापक जनांदोलन का रूप ले लिया। संजय सिंह ने कहा कि 12 से 24 नवंबर तक सरयू से संगम तक निकाली जा रही यह पदयात्रा उत्तर प्रदेश की बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं की टूटती उम्मीदों के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती घोटालों, पेपर लीक और बार-बार परीक्षाएं रद्द होने से लाखों छात्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। संजय सिंह ने कहा, “प्रयागराज कभी पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था, लेकिन आज यहां योग्यता नहीं, लाठीचार्ज की कीमत मिलती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने छात्रों की मेहनत पर ठगी की है और उनके सपनों पर ताला लगाने का काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि बीते पांच वर्षों में पीसीएस धांधली, इलाहाबाद विश्वविद्यालय आंदोलन और लोक सेवा आयोग के बाहर अभ्यर्थियों की शांतिपूर्ण रैलियों का निर्ममता से दमन किया गया। परीक्षाएं रद्द होने के बाद हताश नौजवानों की आत्महत्याएं व्यवस्था की संवेदनहीनता उजागर करती हैं। सांसद ने बताया कि पीसीएस, यूपी पुलिस, शिक्षक भर्ती, PET, TET, RRB जैसी किसी भी परीक्षा में पारदर्शिता नहीं बची है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “माता-पिता कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन पेपर लीक उनकी उम्मीदें तोड़ देता है।”
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