सम्भल-गजरौला रेल लाइन के विस्तारीकरण की पुरानी मांग को लेकर श्री वंश गोपाल तीर्थ के महंत भगवत प्रिय ने प्रधानमंत्री को एक विस्तृत पत्र भेजा है। पत्र में महंत ने इस परियोजना को शीघ्र स्वीकृति देने का आग्रह किया है। महंत भगवत प्रिय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सम्भल क्षेत्र के लोग पिछले पाँच दशकों से इस रेल लाइन के विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। परिवहन सुविधाओं की कमी के कारण क्षेत्र की धार्मिक, औद्योगिक और सामाजिक गतिविधियों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने सम्भल के धार्मिक महत्व पर विशेष जोर दिया। पत्र में कहा गया है कि सम्भल को भगवान श्री कल्कि के अवतार से जोड़ा जाता है और इसका उल्लेख स्कन्द पुराण में भी मिलता है। प्रतिवर्ष यहाँ श्री वंश गोपाल कल्कि धाम फेरी परिक्रमा का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु आते हैं। वर्तमान रेल व्यवस्था की कमी से इन श्रद्धालुओं को यात्रा में भारी असुविधा होती है। पत्र में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्भल को तीर्थ नगरी घोषित किए जाने की संभावना है। ऐसे में तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सुचारु और विस्तृत रेल नेटवर्क अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, सम्भल क्षेत्र में विश्वविख्यात मेंथा और आलू उद्योग भी मौजूद हैं। रेल सुविधाओं में सुधार से इन उद्योगों को नया विस्तार मिलेगा, परिवहन लागत कम होगी और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। महंत भगवत प्रिय ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि सम्भल-गजरौला रेल लाइन के विस्तारीकरण को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाए। उनका मानना है कि यह निर्णय न केवल सम्भल, बल्कि समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और समग्र विकास को गति प्रदान करेगा।
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