बुलंदशहर में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है। शुक्रवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 के पार पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब है। पूरे दिन शहर घने धुंध की परत में ढका रहा, जिससे ठंडक और स्मॉग का प्रभाव बढ़ गया। प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण कूड़ा जलाना और निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल है। शहर के कई इलाकों में कूड़ा जलाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसके साथ ही, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध का ठीक से पालन न होने के कारण काला आम, दिल्ली रोड और बाईपास रोड जैसे क्षेत्रों में धूल के कण हवा में स्पष्ट रूप से देखे गए। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हवा की गति कम होने और नमी बढ़ने के कारण प्रदूषक कण जमीन के करीब जमा हो रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। सुबह से ही शहर में दृश्यता बेहद कम रही, जिसके कारण कई वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। सड़क हादसों के खतरे को देखते हुए पुलिस ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। दिनभर धूप नहीं निकली और आसमान धुंध व स्मॉग से घिरा रहा। बिगड़ती वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि AQI 350 से ऊपर होने पर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस के मरीजों के लिए विशेष जोखिम पैदा होता है। चिकित्सकों ने लोगों को मास्क पहनने, धूल से बचने, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और घर में हवा शुद्ध करने के उपाय अपनाने की सलाह दी है। शहरवासियों ने प्रशासन के प्रयासों को नाकाफी बताया है। उनका कहना है कि नगर पालिका का पानी का छिड़काव और सफाई अभियान केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों तक ही सीमित है। कूड़ा जलाने पर रोक लगाने की निगरानी भी बेहद कमजोर है। कई लोगों ने शिकायत की है कि पुलिस और पालिका द्वारा संयुक्त निरीक्षण की घोषणाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।
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