प्रयागराज के संगम क्षेत्र में लगने वाले माघ मेला 2026 में बन रहे पांटून पुल को इस बार भगवा रंग में रंगा जा रहा है। यह इतिहास में पहली बार है की संगम में लगने वाले कुंभ हो या माघ मेला जब पांटून पुल को किसी रंग में रंगा जा रहा है, वो भी भगवा रंग में। इस बार 7 पुल बनने हैं जिसमें से एक पुल बन कर तैयार हो गया है जिसको भगवा रंग में रंगा जा रहा है। माघ मेला की तैयारियाँ अब तेज़ रफ्तार पकड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक दिन पहले हुए निरीक्षण दौरे और समीक्षा बैठक के बाद प्रशासन, मेले से जुड़े सभी विभागों और इंजीनियरिंग इकाइयों ने कामों में गति बढ़ा दी है। इस बार का माघ मेला आकार, सुविधाओं और व्यवस्थाओं के मामले में पिछले वर्षों से अधिक विस्तृत और भव्य होने जा रहा है। सातों पांटून पुल होंगे भगवा रंग में मेले के दौरान संगम क्षेत्र में बनाए जाने वाले कुल 7 पांटून पुल इस बार भगवा रंग में रंगे जा रहे हैं। सभी पुलों पर एक समान रंग योजना लागू करने का निर्णय मेला प्रशासन ने लिया है। रंगाई का काम तेज़ी से जारी है और पुलों का ढांचा भी तेजी से तैयार किया जा रहा है। क्या होता है पांटून पुल? इंजीनियरिंग का चमत्कार हवा भरे लोहे के पांटून पांटून वो जो लोहे के कंटेनर होते हैं उसे पानी में इस तरह रखा जाता है ताकि वे तैरते रहें और पुल का भार संभाल सकें। मजबूत जंजीरें और एंकरिंग सिस्टम इन पांटूनों को लोहे की जंजीरों और भारी एंकरों से बांधा जाता है, ताकि तेज़ धारा और बाढ़ के दौरान भी ये एक जगह पर स्थिर रहें। तापमान और जल प्रवाह का ध्यान पुल को बनाने के दौरान गंगा और यमुना के जल प्रवाह, गहराई और तापमान को ध्यान में रखकर पुल का डिजाइन तैयार किया जाता है। जमीन समतलीकरण से लेकर बिजली व्यवस्था तक काम 24 घंटे मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद मेले की आधारभूत सुविधाओं पर काम और तेजी से शुरू हुआ है। मेले के सेक्टरों में जमीन समतलीकरण का कार्य दिन-रात चल रहा है। जगह-जगह बिजली के पोल और तार बिछाने का काम तेज़ी से किया जा रहा है। इसके साथ ही पुल निर्माण, चकार्ड प्लेट बिछाने, एवं मार्ग विस्तारीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ाए जा रहे हैं।निर्माण एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार और अधिक भव्य होगा माघ मेला प्रशासन इस बार माघ मेले को अन्य वर्षों की तुलना में अधिक व्यापक और सुविधाजनक बनाने की तैयारी में है। नए सेक्टरों का विस्तार किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। यातायात प्रबंधन के लिए भी विशेष योजनाएँ तैयार की जा रही हैं। 10–15 करोड़ कल्पवासियों और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद इस बार प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि माघ मेला अवधि में 10 से 15 करोड़ श्रद्धालु एवं कल्पवासी संगम में स्नान करने पहुँच सकते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्थाओं को मजबूत करने और व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी न रहे, इसके लिए विभागों को विशेष सतर्कता में रखा गया है। निगरानी बढ़ी, अधिकारी तैनात मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद सभी विभागों के अधिकारियों को मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है। कार्यों की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है और प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन भेजी जा रही है।
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