ब्रिटिश मौलाना शमसुल हुदा खान के मामले में यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। इन अधिकारियों पर ब्रिटेन की नागरिकता लेने वाले मौलाना को वेतन और VRS का लाभ देने का आरोप है। ATS जांच में मौलाना का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। आरोप है कि उसने विदेशी फंडिंग से मदरसा का संचालन किया और भारत में कट्टरपंथी नेटवर्क को ऑपरेट करने का मॉड्यूल तैयार किया। सिद्धार्थनगर का रहने वाला मौलाना, विदेश में बस चुका है। उसके विदेश में रहने की जानकारी के बाद भी अधिकारियों ने वेतन, अवकाश और पेंशन का लाभ दिलाया। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय, गाजियाबाद के डीएमओ साहित्य निकष सिंह, बरेली के लालमन, अमेठी के प्रभात कुमार है। ये अधिकारी, आजमगढ़ में पोस्टिंग के दौरान मौलाना को लाभ देने के आरोपी हैं। अब विस्तार से पढ़िए पूरा मामला… ब्रिटेन में रहता था, लेकिन भारत में वेतन ले रहा था
सिद्धार्थनगर का शमसुल हुदा खान 12 जुलाई 1984 को आजमगढ़ के मदरसा ‘दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम’ में सहायक अध्यापक नियुक्त हुआ था। वर्ष 2007 में वह ब्रिटेन चला गया। वहां की नागरिकता भी 2013 में हासिल कर ली। ब्रिटिश नागरिकता लेने के बाद भी वह भारत के मदरसे से वेतन लेता रहा। उसने मदरसे से 31 जुलाई 2017 तक वेतन लिया। विभागीय मिलीभगत से उसे अनियमित चिकित्सा अवकाश स्वीकृत होते रहे। लगभग 16 लाख रुपये वेतन उसने अवैध रूप से प्राप्त किए। 2017 में उसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) दे दी गई। हद तो यह कि उसके जीपीएफ व पेंशन का लाभ भी विभाग ने दिया। पाकिस्तान कनेक्शन और कट्टरपंथी लिंक – एटीएस की जांच में खुलासा दरअसल, मौलाना के खिलाफ एटीएस ने भी जांच की। जांच में सामने आया कि मौलाना शमसुल हुदा खान 2007 से ही संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था। इस्लामी प्रचार के नाम पर वह पाकिस्तान के कई शहरों में जाता था। वहां के मौलवियों और धार्मिक संगठनों के संपर्क में था। भारत में वह जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं और कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के संपर्क में रहा। आरोप है कि वह ‘दावते इस्लाम’ नाम की प्रतिबंधित गतिविधि भी चलाता था। विदेशों से मिली फंडिंग का उसने उपयोग और स्रोत छिपाने की कोशिश की। एटीएस के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का प्रयास था। दो बार सील हुआ गर्ल्स मदरसा मौलाना, खलीलाबाद में ‘कुलियातुल बनातिर रजबिया’ नाम से एक गर्ल्स मदरसा चला रहा था। 2024 में प्रशासन ने पहला मदरसा सील किया। मौलाना ने तुरंत पास की बाउंड्री में उसी नाम से दूसरा मदरसा खोल लिया। 3 नवंबर को दूसरा मदरसा भी सील कर दिया गया। प्रशासन को शक है कि फंडिंग और नेटवर्क इन्हीं संस्थानों से संचालित हो रहे थे। एक मकान में गर्ल्स हॉस्टल भी चला रहा था जिसमें संतकबीरनगर, बस्ती, आजमगढ़ और अन्य प्रांतों की लड़कियां रहती थीं। तीन मामले दर्ज; दो में चार्जशीट दाखिल
मौलाना के खिलाफ अब तक तीन मुकदमे दर्ज हैं। इसमें विदेशी फंडिंग व संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े होने का केस संतकबीरनगर में तो धोखाधड़ी व आर्थिक गड़बड़ी से जुड़ा केस आजमगढ़ में दर्ज है। तीसरा केस 2 नवंबर 2024 खलीलाबाद कोतवाली में दर्ज कराया गया। इसमें धोखाधड़ी, विदेशी मुद्रा अधिनियम का दुरुपयोग, अवैध आर्थिक लाभ और अन्य गंभीर आरोप हैं। पहले दो मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। SIT कर रही है पूरी फाइल की छानबीन
इस मामले की जांच अब SIT कर रही है। एसआईटी, उससे जुड़े दस्तावेज, विदेशी यात्रा रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन, मदरसे की फंडिंग, विभागीय अनुमोदन फाइलें, सबकी जांच कर रही है। माना जा रहा है कि कई अधिकारी और मदरसा प्रबंधक जांच की जद में आ सकते हैं। —————————– ये खबर भी पढ़िए… श्रावस्ती में पूर्व प्रधान और पत्नी के शव मिले:घर में पति, बाहर महिला की लाश पड़ी थी; नाक-आंख से खून बह रहा था श्रावस्ती में पूर्व प्रधान और उनकी पत्नी के शव मिलने से सनसनी फैल गई। मोहम्मद रोशन (80) का शव घर के अंदर फर्श पर पड़ा मिला। उनकी नाक से खून बह रहा था। वहीं, पत्नी वसीला (60) का शव घर से बाहर करीब 50 कदम की दूरी पर झाड़ियों में मिला। उनकी आंखों पर चोट के निशान थे। उससे खून बह रहा था। पढ़िए पूरी खबर…
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