गोंडा जिले के कोयली जंगली गांव में 16 नवंबर को पूर्व फौजी आनंद यादव और उनके दो भाइयों पर पंचायत के दौरान धारदार हथियार से हमला किया गया था। इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए आनंद यादव का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। उनके भाई किशनलाल और दशरथ लाल यादव को एक हफ्ते के इलाज के बाद लखनऊ के ट्रामा सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया है। घटना के सात दिन बाद भी पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालांकि, अतुल सिंह उर्फ विक्की सिंह, आलोक सिंह, अंकुश सिंह, विजय तिवारी और राजेश शर्मा सहित पांच आरोपी घटना के सात दिन बाद भी फरार हैं। पुलिस टीमें लगातार इनकी तलाश में जुटी हुई हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पूर्व फौजी आनंद यादव के परिजनों में काफी नाराजगी है। उन्हें दोबारा हमले का डर सता रहा है। परिजन बार-बार पुलिस से मिलकर आरोपियों को पकड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा है। घर की महिलाओं को भी डर सता रहा है साथ ही साथ घर के बच्चे विद्यालय पढ़ने नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनके साथ भी इसी तरह की घटना ना हो जाए। घायल पूर्व फौजी आनंद यादव के भाई अशरफी लाल यादव, जो सेना में कार्यरत हैं, ने गोंडा के एसपी और देवी पाटन रेंज के आईजी से सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन कर रहे हैं और पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही है, जिससे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का संदेह पैदा होता है। वहीं, देहात कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि पुलिस टीमें आरोपियों की तलाश में लगी हैं और प्रयास जारी हैं।
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