अयोध्या अब सजावटी मछली उत्पादन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाएगा। जिला प्रशासन ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है, जिसका लक्ष्य जिले को सजावटी मछलियों और मत्स्य बीज के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इस पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस परियोजना के तहत, जिले के प्रत्येक ब्लॉक में एक महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) का चयन किया जाएगा। व्यावसायिक स्तर पर सजावटी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CIFRI) के निदेशक के साथ एक बैठक भी की है। परियोजना शुरू करने के लिए सभी 11 ब्लॉकों में महिला स्वयं सहायता समूहों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन समूहों को सामुदायिक निधि (कम्युनिटी फंड) उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रत्येक समूह 10-10 टैंक स्थापित करेगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक समूह को 10,000 से 15,000 रुपये मूल्य का सजावटी मछलियों का बीज भी प्रदान किया जाएगा। अयोध्या के मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में सजावटी मछलियों की काफी मांग है। उन्होंने कहा कि सजावटी मछलियों की लगभग 250 प्रजातियां उपलब्ध हैं, जिनमें से अधिकांश का उत्पादन अयोध्या में सुनिश्चित किया जाएगा। इन मछलियों का बाजार मूल्य 50 रुपये से 5,000 रुपये तक हो सकता है। परियोजना के तहत, चयनित महिला समूहों को सजावटी मछलियों के उत्पादन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। भविष्य में मत्स्य बीज का उत्पादन भी स्थानीय स्तर पर ही किया जाएगा, ताकि मत्स्य पालन के लिए बाहर से बीज मंगाने की आवश्यकता न पड़े और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो सके।
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