अलीगढ़ जिला अस्पताल की इमरजेंसी शनिवार शाम दो घंटे तक ठप रही। घायलों की पैरवी में पहुंचे भाजयुमो महानगर मंत्री हर्षद वार्ष्णेय की इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रीतेश से कहासुनी हो गई। मसाला थूकने की बात पर भड़के भाजयुमो महानगर मंत्री की डॉक्टर से गाली-गलौज हुई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। विरोध में आक्रोशित डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इमरजेंसी का दरवाजा बंद कर बैठ गए। घायलों की पैरवी में पहुंचे थे भाजयुमो नेता शनिवार दोपहर महेंद्र नगर के रहने वाले शिखर और राहुल वार्ष्णेय मारपीट में घायल होकर उपचार कराने इमरजेंसी पहुंचे। करीब तीन बजे उनकी पैरवी के लिए भाजयुमो नेता हर्षद वार्ष्णेय कुछ साथियों के साथ अस्पताल पहुंच गए। उसी दौरान डॉक्टर रीतेश ने घायलों का इलाज शुरू किया। स्टाफ के मुताबिक डॉक्टर ने हर्षद वार्ष्णेय को गुटका बाहर थूककर आने के लिए कहा। इसी बात पर विवाद भड़क गया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भी की अभद्रता बहस तेज होने के बाद हर्षद ने शहर विधायक के पीआरओ अमित कुमार को फोन मिलाया और डॉक्टर से बात कराई। डॉक्टर रीतेश का आरोप है कि फोन पर पीआरओ ने उन्हें गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। हंगामे के बीच मौजूद भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भी डॉक्टर से अभद्रता की। विवाद बढ़ते ही चिकित्साकर्मी एकत्रित हो गए और विरोध में इमरजेंसी का गेट बंद कर दिया। बिना उपचार लौटे मरीज एम्बुलेंस से आए कई गंभीर मरीज बिना उपचार लौटने को मजबूर हो गए। सूचना पर सीएमएस डॉ. जगबीर सिंह और बन्नादेवी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। सीएमएस ने डॉक्टर और स्टाफ को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। लगभग दो घंटे बाद इमरजेंसी की सेवा बहाल हो सकी। डॉक्टर रीतेश ने पूरी घटना का लिखित विवरण सीएमएस को सौंप दिया है। पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है। इलाज की कहने पर भड़के थे डॉक्टर भाजयुमो महानगर मंत्री हर्षद वार्ष्णेय का आरोप है कि वह इमरजेंसी में पहुंचे तो डॉक्टर नहीं थे। जानकारी पर पता चला कि वह दूसरे कमरे में हैं। इस पर वह वहां गए और डॉक्टर से इलाज करने के लिए कहा। आरोप लगाया कि मोबाइल में व्यस्त डॉक्टर उठकर नहीं आए और दोबारा इलाज के लिए कहने पर भड़क गए। उन्होंने ने ही पहले अभद्रता और गाली–गलौज शुरू की थी।
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