एनसीआर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शासन ने बड़ा कदम उठाया है। 1 जनवरी 2026 से अब डीजल व पेट्रोल से चलने वाली कैब और डिलीवरी वाहन सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे। मोटर वाहन एग्रीगेटर्स जैसे ओला–उबर और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अब केवल CNG और इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहन को ही संचालन की अनुमति मिलेगी। 31 दिसंबर 2025 तक का समय परिवहन आयुक्त किंजल सिंह ने आदेश जारी किया है कि सभी कैब व डिलीवरी वाहन संचालक अपने वाहनों को CNG या इलेक्ट्रिक श्रेणी में परिवर्तित कर लें। इसके लिए अंतिम समय-सीमा 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पाया है कि दिल्ली–एनसीआर में बड़ी संख्या में डीजल–पेट्रोल वाहनों के चलते प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है। कैब, ई-कॉमर्स डिलीवरी व फूड डिलीवरी में हजारों पेट्रोल-डीजल वाहन शामिल हैं, जो हवा को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। NCR में 5 लाख से अधिक डीजल–पेट्रोल कारें मेरठ सहित दिल्ली–एनसीआर के शहरों में 5 लाख से अधिक डीजल–पेट्रोल कैब व डिलीवरी वाहन मोटर वाहन एग्रीगेटर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े हैं। फूड डिलीवरी सेवाओं में भी बड़ी संख्या में बाइकें प्रतिदिन चलती हैं, जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। आयोग के निर्देश पर शासन ने आदेश जारी किया है कि 1 जनवरी 2026 से चार पहिया LCVs LGVs N-1 कैटेगरी, 3.5 टन तक सभी डीजल–पेट्रोल से चलने वाले दो–पहिया डिलीवरी वाहन पंजीकृत नहीं किए जाएंगे। सख्ती सक किया जाएगा नियम का पालन- राजेश कर्दम
ARTO राजेश डीजल–पेट्रोल चालित वाहनों को बंद करने संबंधी आदेश मिल चुका है और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाया जाएगा। मेरठ में बड़ा असर 15,000 डीजल ऑटो रिक्शा होंगे बंद। एनसीआर के यूपी हिस्से में डीजल ऑटो रिक्शा के संचालन पर भी चरणबद्ध तरीके से रोक लगेगी।
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