हरदोई में कोडीनयुक्त प्रतिबंधित दवा के अवैध व्यापार का बड़ा मामला सामने आया है। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, लखनऊ मेडिकल एजेंसी प्रा. लि. के परिसर से Phencipyk-T Syrup की 1500 बोतलें गायब मिलीं। यह दवा लखनऊ स्थित Idhika Lifesciences से वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में खरीदी गई थी। फर्म के प्रोपराइटर मोहम्मद जावेद रब्बानी के पास स्टॉक का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। औषधि निरीक्षक, लखनऊ द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में यह खुलासा हुआ। जांच में पाया गया कि यह कोडीनयुक्त दवा नशे के रूप में बेची जा रही थी। मौके पर खरीद-बिक्री से संबंधित कोई बिल या अन्य अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके बाद औषधि निरीक्षक ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा–22 (1)(d) के तहत फर्म की दवा बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया। 1 नवंबर 2025 को प्रोपराइटर द्वारा प्रस्तुत जवाब और अभिलेखों की गहन जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। फर्म ने 1500 बोतलें खरीदने का दावा किया था, लेकिन 1525 बोतलें बेचने के फर्जी बिल तैयार किए गए। ये बिल सण्डीला सेवा हॉस्पिटल, अरीबा हॉस्पिटल, माही हेल्थ क्लीनिक और कई मेडिकल स्टोरों सहित कुल 17 संस्थानों व व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए थे। बिलों पर दर्ज मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए। प्रेस नोट के अनुसार, फर्म ने जानबूझकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर तथ्यों को छिपाया और कोडीनयुक्त दवा को नशे के रूप में बेचा। यह कृत्य आम जनमानस के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। इस पूरे मामले की रिपोर्ट सहायक आयुक्त (औषधि), लखनऊ मण्डल को भेजी गई। उनके निर्देश पर फर्म के प्रोपराइटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। सण्डीला थाना क्षेत्र में फर्म के मालिक मोहम्मद जावेद रब्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। औषधि निरीक्षक स्वातिका घोष ने बताया कि कोडीनयुक्त औषधियों के अवैध विक्रय पर प्रशासन की सख्ती आगे भी जारी रहेगी।
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