अयोध्या में 25 नवंबर को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले भव्य ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए पूरे रामनगरी में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में संस्कृति विभाग 24 और 25 नवंबर को दो दिवसीय भव्य सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन करेगा। इस उत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 500 कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मेहमानों का स्वागत करेंगे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की रूपरेखा इस तरह तैयार की गई है कि रामनगरी की आध्यात्मिक गरिमा, परंपरागत सांस्कृतिक पहचान और प्रदेश की समृद्ध लोक कला विरासत का भव्य प्रदर्शन राष्ट्रीय मंच पर हो सके। संगीत, नृत्य और लोक कलाओं की श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुतियां इस उत्सव का मुख्य आकर्षण रहेंगी। भजन, लोकधुनें और पारंपरिक वाद्यों की मिलेगी अनुगूंज सांस्कृतिक उत्सव के दौरान भजन, शिव-वंदना, लोक धुनों और समूह गायन की विशेष प्रस्तुतियां आध्यात्मिक वातावरण को नई ऊंचाई देंगी। ब्रज, बुंदेलखंड, अवध और अन्य अंचलों के लोक गायन दल अपनी पारंपरिक धरोहर को सुरों में पिरोकर प्रस्तुत करेंगे। शहनाई, सारंगी, पखावज, बांसुरी, सरोद और सितार जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वरलहरियां आयोजन में अद्भुत आध्यात्मिक आभा भरेंगी। लोकनृत्य और शास्त्रीय कला का भव्य संगम कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की विविध लोक कलाओं का संगम दिखेगा।मयूर, राई, फरूवाही, बधावा, अवधी, करमा, ढेढिया, धोबिया, कहरवा, वनटांगिया और बारह सिंघा जैसे पारंपरिक लोकनृत्य विशेष आकर्षण बनेंगे। ये प्रस्तुतियां एक भव्य शोभायात्रा के रूप में भी दिखाई देंगी, जिससे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक संपन्नता एक ही मंच पर सजीव दिखाई देगी। शास्त्रीय नृत्य की श्रेणी में कथक की मनोहारी प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगी और कार्यक्रम की शोभा को कई गुना बढ़ाएगी।
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