वाराणसी के भेलू पुर थाना क्षेत्र में स्थित दुर्गाकुंड इलाके के होटल दयाल टावर पर बिना अनुमति विदेशी नागरिकों को ठहराने और अनिवार्य नियमों का पालन न करने पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से मिली सूचना के बाद भेलू पुर पुलिस ने होटल संचालक राजीव सिंह और मैनेजर नितेश सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। IB ने होटल में विदेशी मेहमानों के ठहरने की जानकारी दी थी। क्या है पूरा मामला? बीएचयू के प्रोफेसर विनोद कुमार तिवारी ने अपने कार्यक्रम के लिए होटल में 20 कमरे बुक किए थे। 20 नवंबर को सभी मेहमान अलग-अलग समय पर होटल पहुंचे, जिनमें 10 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक होटल प्रबंधन ने विदेशी मेहमानों की सूचना न तो स्थानीय पुलिस को दी और न ही फॉर्म-सी (Form-C) के जरिए संबंधित विभाग को भेजी। जबकि विदेशी नागरिकों के ठहरने पर यह प्रक्रिया अनिवार्य है। भेलूपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि होटल प्रबंधन ने गंभीर लापरवाही की है। विदेशी मेहमानों की कानूनी जानकारी भेजने सहित सभी आवश्यक नियमों का उल्लंघन किया गया है। पुलिस टीम जब होटल पहुंची, तो कई विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट रिसेप्शन पर जमा मिले और रजिस्टर में एंट्री दर्ज थी, लेकिन किसी भी विभाग को सूचना नहीं दी गई थी। होटल के पास वैध अनुमति भी नहीं जांच के दौरान जब होटल का वैध रजिस्ट्रेशन और अनुमति पत्र मांगा गया, तो मैनेजर ने बताया कि अनुमति के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन अभी स्वीकृत नहीं हुआ है। ऐसे में होटल बिना अनुमति के संचालित हो रहा था। होटल मालिक राजीव सिंह मौके पर नहीं थे। पुलिस के अनुसार, आर्थिक लाभ के लिए प्रबंधन ने बिना अनुमति विदेशी मेहमानों को ठहराया और कानूनी औपचारिकताओं को जानबूझकर नजरअंदाज किया। फॉर्म-सी का उल्लंघन क्यों गंभीर? भारत में किसी भी होटल या गेस्ट हाउस को विदेशी नागरिक के ठहरने पर 24 घंटे के भीतर फॉर्म-सी भरकर पुलिस और FRRO को भेजना अनिवार्य है। यह सुरक्षा और निगरानी के लिए बेहद जरूरी प्रक्रिया है। इसकी अनदेखी को गंभीर अपराध माना जाता है।
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