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छोटे टोलों की कनेक्टिविटी के लिए सरकार का निर्णय:लीज पर जमीन लेकर बनेगी पक्की सड़क… सिंगल लेन होंगी टू-लेन

जिन टोलों (बसावटों) को अब तक पक्की सड़क कनेक्टिविटी नहीं मिली है, वहां सरकार गांव वालों से लीज पर जमीन लेगी। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने शनिवार को कार्यभार संभालते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि छोटे टोलों को सड़क से जोड़ने के लिए 2013 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना शुरू हुई थी। चिह्नित सड़कों में 80% बन चुकी हैं, लेकिन 20% टोलों को जमीन न मिलने से सीधी कनेक्टिविटी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 42022 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य है। ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना (जीटीएसएनवाई) से अब तक 4618 बसावटों के लिए 3968 किलोमीटर सड़कें बन चुकी हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि जिला मुख्यालयों को प्रखंड से जोड़ने वाली सिंगल लेन सड़कों को टू-लेन किया जाएगा। सघन ट्रैफिक वाली सड़कों की जल्द पहचान कर योजना बनाई जाएगी। गांवों की सड़कें सालभर दुरुस्त रहें, इसके लिए ओपीआरएमसी लागू हो चुका है। मॉनिटरिंग तेज हो, इसके लिए फील्ड में तैनात जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर लगातार भ्रमण करेंगे। उन्हें हर महीने 1500 रुपए पेट्रोल-डीजल भत्ता दिया जाएगा। यह प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई है। पंचायत योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए कमेटी बनेगी पंचायत स्तर पर योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए कमिटी बनेगी। इसमें राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल होंगे। नवनियुक्त पंचायती राज मंत्री दीपक प्रकाश ने कार्यभार संभालने के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ेगी। मंत्री ने बताया कि जिला परिषदों की संपत्ति चिह्नित कर विकसित की जाएगी। उनकी आय बढ़ाने के लिए जमीन पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने की योजना पहले से चल रही है। इस दिशा में तेजी से काम किया जाएगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। दीपक प्रकाश ने विभागीय अधिकारियों के साथ कार्यों की समीक्षा भी की। मंत्री ने कहा कि विभाग के सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सचिव ने उन्हें विभाग की संरचना और कार्यप्रणाली से अवगत कराया। मंत्री ने कर्मियों और पदाधिकारियों के दायित्वों की जानकारी ली। राज्य में 1.19 लाख टोलों को 1.18 लाख किमी सड़कों से जोड़ा जा चुका अब तक राज्य की 1.19 लाख बसावटों को 1.18 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 57102 बसावटें 53283 किलोमीटर सड़क से जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, जीटीएसएनवाई और अन्य योजनाओं से 63174 बसावटों को 64926 किलोमीटर सड़कों से जोड़ा गया है। वर्ष 2023 में 13814 बसावटों को जोड़ने के लिए 16652 किलोमीटर नई सड़क बनाने की योजना बनी। इसमें से 3494 बसावटों (3734 किलोमीटर सड़कों) के लिए 4462 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है। मार्च 2026 तक 1800 अनजुड़ी बसावटों (4500 किलोमीटर सड़कों) के लिए 5900 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य तय है। मिनी सचिवालय जैसा विकसित हो रहे पंचायत भवन राज्य में 1069 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण ग्राम पंचायतें खुद कर रही हैं। इन पर 24.81 अरब खर्च होने हैं। सभी 8053 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। 2000 भवन स्थानीय क्षेत्रीय अभियंत्रण संगठन और 2615 भवन निर्माण विभाग बना रहा है। 1700 पंचायत सरकार भवन तैयार हो चुके हैं। इन्हीं भवनों में आरटीपीएस केंद्र संचालित हैं। तेजी इसलिए भी… नियत समय पर चुनाव हों तो 2026 के अक्टूबर-नवंबर में राज्य के 8053 पंचायतों, 534 पंचायत समितियों और 38 जिला परिषदों में चुनाव होने हैं। ऐसे में गांवों में चल रही विकास योजनाओं को तेजी से अमल में लाना बड़ी चुनौती है।


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