एजुकेशन रिपोर्टर | मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में आयोग से चयनित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच अभी पेंडिंग है। विभाग के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने जांच की प्रक्रिया शुरू की, तो दूसरी ओर शिक्षक सर्विस कंफर्मेशन के लिए जुगाड़ लगाने लगे हैं। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा पर नियुक्त कई विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसरांे के सर्विस कंफर्मेशन की प्रक्रिया इसी साल पूरी की जानी थी। इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंदर ने वेटेज पर नियुक्त शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके आधार पर सभी विभाग और कॉलेजों में नियुक्त शिक्षकांे का डॉक्यूमेंट संबंधित विभागाध्यक्ष व प्राचार्य से सत्यापित कराकर विश्वविद्यालय की ओर से मांगा गया है। अनुभव, दिव्यांग और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की जांच कर विभाग को रिपोर्ट भेजनी है। इसके लिए 20 नवंबर का समय दिया गया था, लेकिन दो दिन बाद भी सभी शिक्षकों का डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं हो सका है। कई शिक्षकों का डॉक्यूमेंट अधूरा ही है।बताया जा रहा है कि जांच की प्रक्रिया शुरू होते ही सर्विस कंफर्मेशन के लिए अधिकारियों के यहां जुगाड़ लगने लगा है। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा रोकने और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर अभियान चला रहे अभ्यर्थियों ने जांच पूरी होने तक सर्विस कंफर्मेशन की प्रक्रिया स्थगित रखने का अनुरोध किया है। भौतिकी के अभ्यर्थी राकेश कुमार ने शनिवार को कुलसचिव को आवेदन देकर कहा है कि िवभाग के आदेश के आलोक में सभी विषयों के शिक्षकों के कागजातों की जांच की जाए। विवि की ओर से सभी प्राचार्य व विभागाध्यक्षों को जांच के लिए निर्देशित किया गया है, इस बीच मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरों के सर्विस कंफर्म करने की बात हो रही है। दोनों कार्य एक साथ नहीं हो सकते।
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