काशी में 1 लाख 20 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध:जन्म न लेने वाले बेटियों की मोक्ष की कामना,काशी में चलेगा बड़ा अभियान

वाराणसी के सन्तोष ओझा दुनिया के सबसे अनोखे पिता में से एक हैं एक दो नहीं बल्कि बनारस के इस शख्स की अब 1 लाख 20 हजार बेटियां हैं, जिनके मोक्ष के लिए ये पितृपक्ष की नवमी तिथि को मोक्ष की नगरी काशी में श्राद्धकर्म करते हैं। ये वो बेटियां हैं जिनके अपनों ने ही उनकी गर्भ में हत्या कर दी है। ऐसी अजन्मी बेटियों को मोक्ष मिले। इसके लिए आगमन सामाजिक संस्था के सन्तोष ओझा पिछले 12 सालों से ऐसी बेटियों के लिए उनके पिता बन कर उनका श्राद्ध करते हैं।उन्होंने जब इसके लिए पहल की थी तो उनके घर वालों ने ही उनका विरोध किया लेकिन इन सब के बाद भी उन्होंने इस अनूठे अनुष्ठान की शुरुआत की। दशाश्वमेध घाट पर हुआ अनुष्ठान माताओं के समर्पित पितृ पक्ष का नवमी तिथि को शास्त्रीय विधान संग आगमन संस्था टीम ने पिंड निर्माण कर विधिपूर्वक हूत आत्माओं का आह्वान के बारी बारी से उनके मोक्ष की कामना की। “अंतिम प्रणाम ” के 12 वें साल 13000 पिंड के माध्यम से अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना की गयी। श्राद्ध अनुष्ठान का समस्त कर्म संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा ने किया जबकि अनुष्ठान संपादित पं दिनेश शंकर दुबे और कन्हैया पाठक संग पंच विप्रो ने कराया। अब संस्था चलाएगा बड़ा अभियान आगमन संस्था के संस्थापक और श्राद्धकर्ता डॉ संतोष ओझा के अनुसार आगमन संस्था 2001 से लगातार अजन्मी बेटी को बचाने का अभियान चला रही है संस्था ने विगत 25 सालों में सैकड़ो मां-बाप का काउंसलिंग कर उन्हें पेट में पल रही बेटियों को जन्म देने के लिए प्रेरित किया। अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि तमाम सरकारी और संस्थागत प्रयास के बावजूद आज भी काशी में कन्या भ्रूण हत्या जारी है जिसको रोकने के लिए सरकारी तंत्र को और भी प्रभावी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। आगमन संस्था एक बार फिर चिन्हित अल्ट्रासाउंड सेंटर और उनके संचालकों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की घोषणा करेगी।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर