पटना कॉलेज के सेमिनार हॉल में आज ‘बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की व्याख्या एवं विश्लेषण’ का आयोजन किया गया था। इस व्याख्या में मुख्य अतिथि के तौर पर मशहूर राजनीतिक एक्सपर्ट और सेफोलॉजिस्ट प्रो. संजय कुमार मौजूद रहे। पटना विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश रंजन ने उनका स्वागत किया। सेफोलॉजिस्ट प्रो. संजय कुमार ने कहा, ‘बिहार के चुनाव में कुछ अद्भुत नहीं हो गया है। कोई SIR का असर या वोट चोरी नहीं हुई है। बिहार विधानसभा चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव का रिपीट है। बिहार का दोनों चुनाव एक जैसा ही था। ऐसा कुछ नहीं है कि महागठबंधन का पूरा सफाया हो गया है।’ महागठबंधन 2020 में जहां थी, वहीं खड़ी है- प्रो. संजय कुमार प्रो. संजय कुमार ने आगे कहा, ‘सीटों के हिसाब से अंतर हो सकता है, लेकिन जनाधार के हिसाब से दोनों चुनाव के परिणाम बराबर ही है। आरजेडी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उनका 23% वोट शेयर रहा है। उन्होंने आंकड़ों के जरिए पूरे बिहार चुनाव के सिनेरियो को बताया। उन्होंने कहा- NDA को 2025 के चुनाव में 46.56% वोट आए, जबकि 2020 में मात्र 37.26% आएं थे।’ वहीं, महागठबंधन को 2025 में 37.73% वोट शेयर रहा, जबकि 2020 में 37.23% वोट मिले थे। यानी कि महागठबंधन 2020 में जहां थी, वहीं खड़ी है। वह लोकसभा में जहां खड़ी थी, विधानसभा में भी वहीं रही। उसका वोट प्रतिशत लगभग बराबर रहा है। वह अपने वोटरों को जोड़ नहीं पाई।’ प्रो. संजय कुमार ने आगे बताया, ‘अन्य को 2025 में 15.71% मिले थे, जबकि 2020 में 25.51%। यानी कि अन्य का वोट परसेंट 10% बढ़कर 2025 के चुनाव में NDA के खाते में चला गया।’ NDA की सरकार से संतुष्ट हैं लोग- प्रो. संजय कुमार प्रो. संजय कुमार का मानना है कि एनडीए ने 3.3% अपना वोट बढ़ाया है, इसकी वजह यह है कि NDA सरकार से लोगों की संतुष्टि थी। हमारे सर्वे यही बताते हैं। लोग बिजली, पानी, सरकारी स्कूल, सड़क, सरकारी अस्पताल के काम को पहले से अच्छा मानते हैं। बिहार में लाए गए वेलफेयर स्कीम्स का भी असर पड़ा है। इसमें से भी लोग केंद्र सरकार से ज्यादा राज्य सरकार को मानते हैं।
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