पूर्व केंद्रीय राज्य गृह मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शकील अहमद ने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। टिकट वितरण के फैसलों में सहमति नहीं लिए जाने से नाराज डॉ. अहमद शनिवार को अपने गृह जिले मधुबनी पहुंचे। उन्होंने जिला मुख्यालय स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। डॉ. अहमद ने कहा कि उन्होंने केवल पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है, लेकिन वे जीवनभर कांग्रेस पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों पर कायम रहेंगे। उन्होंने अपनी तीन पीढ़ियों के कांग्रेस से जुड़े होने का जिक्र किया। उनके दादा 1937 में विधायक बने थे, और उनके पिता शुकुर अहमद 1952 से 1977 तक विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रहे। पिता के निधन के बाद, डॉ. अहमद स्वयं 1985 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए और तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त, वे मधुबनी संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद भी चुने गए। उन्होंने इस बार के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। डॉ. अहमद के अनुसार, किसी भी सीट के संबंध में उनसे सलाह नहीं ली गई। मधुबनी से दो बार सांसद रहने के बावजूद, उन्हें मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली जाले और बेनीपट्टी सीटों के टिकट वितरण के बारे में भी नहीं पूछा गया, जो कांग्रेस के खाते में गई थीं। उन्होंने कहा कि कम से कम उनसे सलाह ली जानी चाहिए थी। डॉ. अहमद ने यह भी बताया कि पार्टी वर्किंग कमेटी के सदस्य और सांसद तारिक अनवर से भी कोई सलाह नहीं ली गई। इसी कारण तारिक अनवर फेसबुक के माध्यम से टिकट वितरण में सही और जीतने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाते रहे थे। एक सवाल के जवाब में डॉ. अहमद ने खुलासा किया कि एक मौजूदा विधायक और दो पूर्व मंत्रियों ने कांग्रेस के टिकट वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने सुशील पासी, कृष्णा अल्लावरू और शकील अहमद खां पर आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है।
https://ift.tt/rtLQvRj
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply