गोरखपुर में CMO डॉ. राजेश झा ने स्वास्थ्य गतिविधियों का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। जिला क्षय रोग केन्द्र में TB उपचाराधीन मरीजों को गोद लिया गया। साथ ही उन्होंने पुरुष नसबंदी पखवाड़ा- TB मुक्त पंचायत कार्यक्रम के लिए सभी सीएचओ का अभिमुखीकरण किया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की समीक्षा करते हुए गंभीर बीमार बच्चों के सम्पूर्ण उपचार और फॉलो-अप पर विशेष जोर दिया। डॉ. झा ने कहा कि ह्रदय रोग, क्लब फुट, जन्मजात मूक-बधिर बच्चों और कटे होंठ व तालू जैसी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को समय से चिह्नित करना आवश्यक है। उपचार के हर स्तर पर बच्चों की मदद सुनिश्चित करनी होगी। जहां संभव हो, बच्चों का इलाज जिले में ही कराया जाए, जैसे कि AIIMS गोरखपुर और BRD मेडिकल कॉलेज, ताकि बेवजह उच्च संस्थाओं में रेफरिंग न करना पड़े। TB मरीजों को गोद लेने का अभियान
जिला क्षय रोग केन्द्र में ग्रोथ वेल फाउंडेशन ने 25 TB मरीजों को गोद लिया। निजी चिकित्सक डॉ. वीएन अग्रवाल ने पांच मरीजों को गोद लिया। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि जिले में 2,816 निक्षय मित्र 9,767 TB मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। मरीजों को पोषण पोटली दी जाती है और नियमित दवा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस अभियान में उप जिला क्षय रोग अधिकारी, डीपीसी, पीपीएम समन्वयक और स्टाफ सहयोग कर रहे हैं। पुरुष नसबंदी पखवाड़ा- TB मुक्त पंचायत पर जोर
CMO ने जिले के सभी सीएचओ का वर्चुअल अभिमुखीकरण किया। उन्होंने अपील की कि इस साल के अंत तक TB उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करें और आशा व ANM के सहयोग से अधिक से अधिक पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित करें। उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सुनीता पटेल, DPM पंकज आनंद, DCPM रिपुंजय पांडेय और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र की मदद से पखवाड़े की व्यापक योजना बनाई गई है। शुक्रवार को जिला स्तर से 59 सारथी वाहन रवाना किए गए। 27 नवंबर तक मोबिलाइजेशन पखवाड़ा चलेगा और 4 दिसंबर तक सेवा प्रदायगी पखवाड़ा होगा। इस दौरान पुरुष नसबंदी के मिथक और भ्रांतियों को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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