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दिव्यांग युवक ने बंद स्कूल में फांसी लगाई:ट्रेन हादसे में खोया था पैर, एक दिन पहले घर से निकला था

देवरिया जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र के मस्जिदिया गांव में शनिवार दोपहर एक दिव्यांग युवक ने बंद पड़े निजी विद्यालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 32 वर्षीय प्रवेश विश्वकर्मा पुत्र अवधेश विश्वकर्मा के रूप में हुई है। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है। प्रवेश विश्वकर्मा चार वर्ष पूर्व एक ट्रेन हादसे का शिकार हुए थे, जिसमें उनका एक पैर कट गया था। बाद में उन्हें कृत्रिम पैर लगाया गया था। दिव्यांगता के बावजूद, वह गांव और आसपास के क्षेत्रों में कीर्तन गाकर अपनी पहचान बना चुके थे। पिता अवधेश विश्वकर्मा ने बताया कि शुक्रवार शाम प्रवेश घर से निकले थे। परिवार को लगा कि वह किसी कीर्तन कार्यक्रम में गए होंगे, इसलिए देर रात तक वापस न आने पर किसी ने खास चिंता नहीं की और सभी सो गए। शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे, ग्रामीणों ने प्रानपुर टोला स्थित एक बंद निजी विद्यालय के कमरे में प्रवेश को फांसी पर लटका देखा। सूचना मिलते ही बघौचघाट पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरवाया। पहचान की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने प्रवेश के घरवालों को सूचित किया। बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां निर्मला देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, जबकि राजगीर मिस्त्री का काम करने वाले पिता अवधेश विश्वकर्मा मौके पर पहुंचकर बेसुध हो गए। प्रवेश के दो छोटे भाई, नित्य और रोहित, जो रोजी-रोटी के लिए बाहर शहरों में काम करते हैं, घटना की खबर सुनकर घर के लिए रवाना हो गए हैं। गांववालों के अनुसार, प्रवेश स्वभाव से बेहद सरल थे और उनका अधिकांश समय कीर्तन-भजन में ही बीतता था। दिव्यांग होने के बावजूद उन्हें मेहनती और शांत स्वभाव का व्यक्ति माना जाता था। ग्रामीणों को यह समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने अचानक यह कदम क्यों उठाया और उन्हें किस बात की परेशानी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।


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