दिल्ली में ‘साहित्य आजतक 2025’ के दूसरे दिन एक खास सत्र हुआ, जिसका नाम था- ‘जूते फटे पहन के आकाश पे चढ़े थे…’ मंच पर सामने थे मशहूर लेखक, कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला. मनोज ने अपने संघर्ष, सपनों, सफर की सच्चाइयों, उम्मीदों और रचनात्मक अनुभवों को बेबाकी से साझा किया.
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