कासगंज में एंट्री गेट डंपर का केबिन चीरते हुए ड्राइवर के ऊपर गिर गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसकी लाश सीट और स्टेयरिंग के बीच चिपक गई। डंपर ड्राइवर भट्ठे पर मिट्टी उतारने के बाद अपने गांव वापस आ रहा था। ड्राइवर ने मेन रास्ते की जगह शॉर्टकट अपनाया। वह गांव के दूसरे रास्ते में पड़ने वाले एंट्री गेट में जैसे घुसा। डंपर का केबिन तो निकल गया। लेकिन पीछे का डाला सीमेंटेड गेट में फंस गया। ड्राइवर ने जैसे ही डंपर बढ़ाया, गेट का पिलर टूटकर गाड़ी पर गिर गया। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से 100 क्विंटल के पिलर को हटवाया। इसके बाद ड्राइवर का शव बाहर निकलवाया। डंपर चालक के घर वालों को जैसे ही हादसे की सूचना मिली। वो भागते हुए मौके पर पहुंचे। हादसा गंजडुंडवारा कोतवाली क्षेत्र का है। मौके की 2 तस्वीरें देखिए… शॉर्टकट से जा रहा था डंपर ड्राइवर बदायूं के थाना कादर चौक के गांव शिसोरा के रहने वाले जगवीर पुत्र मदन लाल डंपर चलाते थे। वह सुबह राधा रानी भट्टे से मिट्टी डालकर डम्पर लेकर गांव की ओर लौट रहे थे। उन्होंने मेन हाईवे पर जाम से बचने के लिए गंजडुंडवारा इलाके के वांशी गांव की तरफ डंपर मोड़ दिया। गांव के बाहर ही बाहर सीमेंट और सरिया से बना करीब 16 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार बना था। जबकि डंपर की ऊंचाई 16 फीट से ज्यादा थी। ऊंचाई का नहीं लगा अंदाजा गांव के लोगों ने बताया कि जगवीर को गेट की ऊंचाई का अंदाजा नहीं लगा। उसने जैसे ही गेट से डंपर निकालने की कोशिश की तो डंपर का केबिन तो निकल गया लेकिन पिछला हिस्सा गेट में ही फंस गया। जबतक वो कुछ समझ पाता तब तक डम्पर गेट में फंस गया और भारी भरकम गेट टूटकर सीधे पिछले हिस्से को छूते हुए ड्राइवर के केबिन पर आ गिरा। चालक जगवीर को संभलने का मौका नहीं मिला। पिलर केबिन को चीरते हुए उसके सिर पर आ गिरा। जगवीर की ड्राइवर सीट पर बैठे बैठे ही मौत हो गई। 3 घंटे तक चला रेस्क्यू सूचना पाकर थाना सिढ़पुरा और गंजडुंडवारा कोतवाली पुलिस, तहसीलदार रामनयन और सीओ पटियाली संदीप वर्मा मौके पर पहुंचे। चालक के शव को निकालने के लिए क्रेन, जेसीबी और हाइड्रा मशीनों को बुलाया गया। करीब 3 घंटे तक चले रेस्क्यू चला। क्रेन और बुलडोजर से पहले पिलर हटाए गए। उसके बाद क्रेन की मदद से केबिन के लोहे को ऊपर उठाया गया, तब जाकर जगवीर का शव निकाला जा सका। रोते बिलखते चालक के परिजन मौके पर पहुंचे। उसके भाई अर्जुन ने बताया – परिवार में जगवीर के पांच छोटे बच्चे भारती (8 वर्ष), आरती (6 वर्ष), सचित (4 वर्ष), हरीश (3 वर्ष), काव्य (1 वर्ष) और पत्नी अनीता व मां सुनीता हैं। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के अनुसार जगवीर ही घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। सीओ पटियाली संदीप वर्मा ने बताया- जांच में सामने आया है कि ड्राइवर से गलती से डंपर का डाला ऊपर रह गया, जो कि गेट से जा भिड़ा। टक्कर होने से गेट क्षतिग्रस्त होकर ड्राइवर के केबिन पर जा गिरा और चालक दब गया। फिलहाल 3 घंटे चले रेस्क्यू के बाद चालक का शव निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट: शादी वाले दिन दूल्हे को मारने की प्लानिंग थी:बस्ती में पिता बोले- प्रेमी ने दुल्हन की गाड़ी रुकवाकर कहा था, आगे देख लूंगा ‘हम लोग दुल्हन को विदा कराकर लौट रहे थे। रास्ते में दो बार दुल्हन की गाड़ी एक लड़के ने रुकवाई। उस समय लगा कि मामला ओवरटेक करने का है। ज्यादा ध्यान नहीं दिया। ड्राइवर से इतना जरूर कहा कि गाड़ी तेजी से चलाकर घर पहुंचाओ। अब पता चला कि मेरे बेटे की हत्या करने वाला कोई और नहीं, बहू का प्रेमी ही था। नहीं पता था कि बहू ऐसी निकलेगी।’ ये दर्द है बस्ती में शादी के 7वें दिन मारे गए दूल्हे अनीस के पिता शमशुद्दीन का है। पूरी खबर पढ़ें
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