रतनलाल नगर स्थित जैना पैलेस के गिराए जाने के विरोध में शनिवार को वर्षों से जमा कब्जेदारों ने विरोध किया। उनका आरोप है कि बिल्डर से फ्लैट का कब्जा लेने के वर्षों बाद तक मूलभूत व्यवस्थाएं नहीं दी गई, जिस पर कब्जेदार अपना निवास नहीं बना पाए। संपत्ति गिरा कर भूमाफिया कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। हंगामे की सूचना पर गोविंद नगर पुलिस मौके पहुंची। इस दौरान बिल्डर व मजदूर मशीनें छोड़ कर मौके से भाग निकले। गुरुवार देर शाम गोविंद नगर 11 ब्लॉक निवासी जतिन चौधरी के 15 वर्षीय बेटे सार्थक चौधरी की कोचिंग से लौटने के दौरान इंटरनेट केबिल में फंसकर गिरने से जान चली गई थी। इलाकाई लोगों ने आरोप लगाया था कि रतनलाल नगर स्थित जैना पैलेस को पोकलैंड से गिराने के दौरान केबिल टूट कर गिरी थी, जिसकी चपेट में आने से सार्थक की मौत हो गई। घटना के बाद शनिवार को फ्लैट कब्जेदार प्रदीप कुमार कटियार, सुशील कुमार कटिया, अनुपम मिश्रा, संपूर्णानंद भट्ट, अमित स्वामी क्षेत्रीय पार्षद व भाजपा नेताओं के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिल्डिंग गिराने का विरोध करते हुए कहा कि 1989 में जैना बिल्डर ने 54 हजार हर एलाॅटी से लेकर फ्लैट का कब्जा दिया था, लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी बिजली, पानी जैसी व्यवस्थाएं न मिलने के कारण निवास नहीं बनाया गया। आरोप है कि मनोज सेंगर, संकल्प गुलाटी द्वारा पोकलैंड से बिल्डिंग को ध्वस्त कर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। हंगामे की सूचना पर गोविंद नगर पुलिस मौके पर पहुंची और कब्जेदारों को समझाने का प्रयास किया, इस दाैरान उनकी पुलिस से भी बहस हुई। इस दौरान बिल्डर और मजदूर मशीनें छोड़ कर मौके से फरार हो गए। कब्जेदारों ने बिल्डर के खिलाफ तहरीर दी है।
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