साहित्य के महाकुंभ ‘साहित्य आजतक 2025’ का भव्य शुभारंभ हो चुका है. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन ‘अधिकार, समानता और न्याय’ नाम के सत्र में मंच पर आमंत्रित रहे- प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल (लेखक, लिटरेरी क्रिटिक, ब्रिटिश एकेडमी फेलो, वोल्फसन कॉलेज, कैम्ब्रिज), डॉ. रीतिका खेरा (डेवलपमेंट इकोनॉमिस्ट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर, लेखक, रेवरी या हक: सामाजिक सुरक्षा पर एक नज़रिया). क्या कुछ हुईं उनसे बातें, जानने के लिए देखें इस सेशन का ये पूरा वीडियो.
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