एटा के अलीगंज विकासखंड क्षेत्र के वीरपुर गांव में एक घर से अत्यधिक विषैला रसल वाइपर सांप मिला है। सांप की सरसराहट सुनकर घर के सदस्य ने सर्पमित्र को सूचना दी, जिसके बाद सर्पमित्र मिलन पांडे ने एक घंटे की मशक्कत के बाद उसका सफल रेस्क्यू किया। वीरपुर निवासी मिथुन पुत्र रामगोपाल ने अपने घर के जीने के पास सांप को देखा। सांप की आहट मिलने पर उन्होंने उसे डंडे से घर के बाहर किया और तुरंत सर्पमित्र मिलन पांडे को फोन पर जानकारी दी। मिलन पांडे ने सांप का फोटो मंगवाया और उसकी पहचान एक बेहद जहरीले सांप के रूप में की। सूचना मिलते ही सर्पमित्र मिलन पांडे अपने एक सहयोगी के साथ वीरपुर गांव पहुंचे। सांप को देखते ही उन्होंने बताया कि यह रसल वाइपर है, जो दुनिया के चार सबसे विषैले सांपों में से एक है। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद उन्होंने इस सांप को सुरक्षित पकड़ लिया। इस दौरान गांव के लोग भी मौके पर जमा हो गए। मिलन पांडे ने बताया कि रसल वाइपर एक अत्यधिक विषैला सांप है, जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में पाया जाता है। उन्होंने कहा कि वे लगभग चार साल से सांपों का रेस्क्यू कर रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र में पहली बार रसल वाइपर निकला है। उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि रसल वाइपर का जहर हेमोटॉक्सिक होता है, जो मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह सांप गुस्सैल और आक्रामक स्वभाव का होता है, खासकर जब उसे खतरा महसूस होता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह सांप अंडे नहीं देता, बल्कि सीधे बच्चों को जन्म देता है। सर्पमित्र ने वहां मौजूद ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि घर और आसपास के क्षेत्र को साफ रखें, कूड़ा-कचरा न फैलाएं। घरों में दरारें और छेद बंद करें ताकि सांप अंदर न घुस सकें। खुले क्षेत्रों में चलते समय सावधानी बरतें और जूते पहनें। उन्होंने जोर देकर कहा कि सांप दिखने पर तुरंत विशेषज्ञों को बुलाएं और खुद से पकड़ने की कोशिश न करें, साथ ही वन विभाग को भी सूचित करें। इस मामले में आरएफओ आदित्य सक्सेना ने पुष्टि की कि यह रसल वाइपर सांप है, जो अत्यंत विषैला होता है। उन्होंने सर्पमित्रों और ग्रामीणों से अपील की कि ऐसी किसी भी सूचना को तत्काल वन विभाग को दें, जिससे टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कर सके।
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