चित्रकूट में 43.13 करोड़ रुपए के कोषागार घोटाले की जांच में एक सेवानिवृत्त दरोगा नत्थूराम यादव के खाते में 98 लाख रुपए से अधिक की रकम जमा होने का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस मामले में बिचौलिए और विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। नांदीतौरा निवासी सेवानिवृत्त दरोगा नत्थूराम यादव के खाते में कुल 98 लाख 37 हजार 497 रुपए जमा किए गए थे। जांच टीम ने पाया है कि नत्थूराम यादव को इस पूरे मामले की जानकारी बिचौलिए रणविजय के माध्यम से थी। इस घोटाले में बिचौलिए रणविजय और विभाग के दो सहायक कोषागार अधिकारियों (एटीओ) की कथित सांठगांठ बताई जा रही है। राज्य विशेष जांच दल (एसआईटी) की पड़ताल जारी है। जांच टीम ने आर्थिक अनुसंधान केंद्र लखनऊ से विभाग के ऐप और भुगतान प्रक्रिया की जानकारी के लिए दो कर्मचारियों की मांग की थी, जो अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा, कोषागार विभाग में होने वाले भुगतान और कागजातों की जांच के लिए लखनऊ से दो विशेषज्ञ भी बुलाए गए थे, लेकिन वे भी अभी तक नहीं पहुंचे हैं। जांच टीम ने विभाग के दो अकाउंटेंट राजबहादुर और योगेंद्र सिंह के पटल से हुए भुगतान के विवरण की गहनता से जांच की। इन दोनों के डिजिटल प्रमाणित हस्ताक्षर सही पाए गए हैं। हालांकि, इनके पटल से लगभग सात करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान हुआ है, जिसका मिलान कराया जा रहा है। कार्यालय में तैनात असिस्टेंट अकाउंटेंट राजेश भारती के पटल की भी संदेह के आधार पर जांच की गई। पिछले चार वर्षों में उनके पटल से तीन करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान पास हुआ है। राजेश भारती को पहले जेल जा चुके अकाउंटेंट अशोक वर्मा का सगा रिश्तेदार बताया गया है। घोटाले की जांच में कई अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है और वे सभी जांच के दायरे में हैं। संपत्ति की जांच के साथ-साथ खातेदारों के बैंक कागजात और कोषागार विभाग के दस्तावेजों के मिलान का काम बड़े पैमाने पर जारी है।
https://ift.tt/3jWLUDQ
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply