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सहारनपुर में 18 दिन बाद युवक का मिला शव:पहले रस्सी से गला घोटा फिर कुल्हाड़ी से पैर काटे थे, ढमोला नदी पुल से 5 किमी दूर बरामद

सहारनपुर में लापता युवक का शव 18 दिनों बाद ढमोला नदी में सड़ी-गली हालत में मिला है। 3 नवंबर को युवक की उसके पड़ोसी ने हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आरोपियों ने शव के तीन टुकड़े किए और बोरे में भरकर गांव से दो किलोमीटर दूर ढमोला नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने करीब 48 घंटे तक नदी में 20 किलोमीटर तक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन शव नहीं मिला। शुक्रवार को खेत में काम कर रहे मजदूरों ने नदी में उतरता हुआ शव देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बोरे में मिले सड़ी-गली हालत के शव को नदी से निकाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। शव पानी में लंबे समय तक रहने के कारण पूरी तरह फूला हुआ था। वहीं मृतक अमजद के अलग किए गए पैर नदी में करीब आधा किलोमीटर दूर दूसरे स्थान पर बोरे में मिले। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर जांच की। परिजनों ने हत्या की वजह मृतक की पत्नी से अवैध संबंधों और डेढ़ लाख रुपए के विवाद को बताया है। पुलिस अब तक मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एएसपी मनोज यादव ने कहा कि शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पूरे मामले की गहन जांच जारी है। मामला थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा कदीम गांव का है। 5 लोगों को पुलिस कर चुकी अरेस्ट
थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव शेखपुर कदीम के रहने वाले अमजद की 3 नवंबर को दिन में ही हत्या कर दी थी। मृतक के परिजनों ने गांव में रहने वाले फरहान, उसकी पत्नी रुखसार, साले अमजद और शमीम और समीर पर अमजद की हत्या करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने 5 नवंबर को पहले पति-पत्नी और जीजा साले को अरेस्ट किया। फिर उसके बाद शमीम और समीर को अरेस्ट किया गया। अवैध संबंध या फिर पैसे का लेनदेन
हत्याकांड के मुख्य आरोपी फरमान ने अपनी पत्नी रुखसाना से अमजद से अवैध संबंध होने की बात कबूल की थी। जिसके बाद प्लानिंग कर उसकी हत्या करने की योजना बनाई गई। हालांकि मृतक की मां रूबिना और ग्रामीणों ने डेढ़ लाख मजदूरी के होने की बात का दावा किया। वहीं, ये भी खुलासा किया था कि अमजद शादी के लायक नहीं था। वो शादी भी नहीं करना चाहता था। फिर उसके अवैध संबंध कैसे हो सकते हैं? पहले रस्सी से गला घोटा..फिर कुल्हाड़ी से काटे पैर
पुलिस ने मामले में पति-पत्नी और साले से कड़ाई से पूछताछ की थी। जिसके बाद मुख्य आरोपी फरमान ने बताया था कि अमजद को पहले एक गोली खिलाई थी। उसके बाद रस्सी से गला घोटकर हत्या की थी। उसका शव ठिकाने लगाने के लिए बोरे में शव डाल रहे थे। लेकिन वो बोरे में नहीं आ रहा था तो उसके दोनों पैर काट दिए थे। फरमान और उसका साला घर से करीब दो किलोमीटर दूर ढमोला नदी के पुल से शव को फेका था। अब पढ़िए पूरा मामला… रिश्तेदार के सामने हुई बेइज्जती का लिया बदला
मामला सहारनपुर के शेखपुरा कदीम गांव का है। यहां रहने वाले अमजद उर्फ कारू पेशे से मजदूर है। वो गांव के ही फरमान के पास काम करते थे। फरमान ठेकेदार था। ठेकेदारी करते हुए वो लेबर के पेमेंट रोक लेता था। चूंकि, अमजद से उसकी दोस्ती भी थी, इसलिए धीरे–धीरे करके करीब 1 लाख रुपए की पेमेंट उसने रोक ली। इसके बाद भी सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। दोनों साथ में ही 1 मकान को ठेके पर तैयार कर रहे थे। एक दिन फरमान के घर रिश्तेदार आए थे, तभी अमजद उसके घर रुपए मांगने पहुंच गया। इस दौरान दोनों में बहस हो गई। इससे फरमान भड़क गया। अपनी बेइज्जती से बौखलाए फरमान ने अमजद को जान मारने का मन बना लिया। मां को कमरे से सुनाई दी थी बेटे के चीखने की आवाज अमजद की मां रूबिना ने बताया कि मेरा बेटा 3 नवंबर को बेटे ने सुबह नहाकर खाना खाया और कहा कि आज छुट्टी है, काम पर नहीं जाएगा। कुछ देर बाद वह घर से बाहर चला गया। मैं भी दवाई लेने बाजार चली गई। दवाई लेकर लौटते समय मैं थक गई, तो फरमान के घर रुक गई। उसकी पत्नी रुखसार ने मुझे चाय पिलाई। उसी दौरान मुझे अपने घर से अपने बेटे की चीखने जैसी आवाज सुनाई दी। मैंने रुखसार से पूछा कि यह आवाज कहां से आ रही है। रुखसार ने कहा कि अंदर लोग बात कर रहे हैं। पहले अंदर से तेज आवाज आ रही थी, फिर धीरे हो गई और कुछ देर बाद आवाज आई ही नहीं। मैं तीन बार उठकर अंदर देखने को हुई, लेकिन रुखसार ने मुझे अंदर जाने से रोक दिया। उसने कहा कि अंदर मीटिंग चल रही है। मुझे लगा कि अमजद तो अक्सर यहां आता-जाता रहता है, शायद मोबाइल वगैरह देख रहे होंगे, इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और घर लौट आई।


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