आजमगढ़ में फर्जी मुलजिम पर कातिलाना हमले के आरोप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) सत्यवीर सिंह ने देवगांव थाने के तत्कालीन कोतवाल विनय कुमार मिश्र, दो सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है। यह मामला लीलावती निवासी रजमो का है। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उनके बेटे विकास को सामाजिक और राजनीतिक साजिशों के तहत कई मुकदमों में फर्जी मुलजिम बनाया गया। लीलावती के अनुसार, 25 अप्रैल 2024 को इंस्पेक्टर विनय कुमार मिश्र अपने हमराहियों के साथ उनके घर आए थे और उस दौरान विकास से कहासुनी हुई, जिसे लीलावती ने वीडियो में कैद कर लिया था। इसके बाद 1 मई 2024 को एक बरक्षा कार्यक्रम के दौरान पुलिस टीम ने दिन में चार बजे विकास को उठा लिया। लीलावती ने तुरंत 100 नंबर और पुलिस उच्चाधिकारियों को सूचित किया। उनका आरोप है कि इंस्पेक्टर विनय कुमार मिश्र, पल्हना चौकी के तत्कालीन इंचार्ज सुल्तान सिंह, उपनिरीक्षक रुद्रभान पांडेय, हेड कांस्टेबल शुभ नारायण, संजय दुबे, गुलाब यादव और विनोद सरोज ने रात लगभग 11 बजे विकास की हत्या का प्रयास किया। कोर्ट ने दिया निर्देश
इस मामले में कोर्ट ने लीलावती का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था जिसके विरुद्ध लीलावती ने सत्र न्यायालय में निगरानी दाखिल किया था। इस निगरानी पर सुनवाई करने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक अजय कुमार शाही ने लीलावती की निगरानी स्वीकार करके फिर से सुनवाई के लिए फाइल सीजेएम कोर्ट में भेज दिया।तब सुनवाई पूरी करने के बाद सी जे एम सत्यवीर सिंह ने लीलावती के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए इंस्पेक्टर विनय मिश्रा समेत सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया।
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