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SIR क्यों है बेहद जरूरी? बरेली डीएम ने अहमियत बताई:बोले- मतदाता सूची में नाम जोड़ने और त्रुटियां सुधारने का बड़ा मौका मिला

डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा-जिस तरह आज हम अपने बड़ों की 2003 की वोटर लिस्ट ढूंढ रहे हैं, आने वाले समय में हमारी नस्लें हमारे दस्तावेज तलाशेंगी कि 2025 में जब SIR हुआ था, तब हमारे दादा या परदादा ने अपना नाम दर्ज कराया था या नहीं। अगर किसी वजह से उनका नाम 2025 की वोटर लिस्ट में नहीं मिला, तो सोचिए, आने वाली पीढ़ी के लिए कितनी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। डीएम ने लोगों से अपील की कि इसे हल्के में न लें। जागरूक बनें, जागरूकता फैलाएं और एक-दूसरे की मदद करते रहें। हमारे गांव, शहर, गली, मोहल्ले और रिश्तेदारी में कोई भी व्यक्ति ऐसा न बचे जिसके SIR फॉर्म जमा न हो पाए। मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जरूरी कदम
अगर आपको फॉर्म नहीं मिला है तो अपने BLO को फोन करके फॉर्म मांगें और तुरंत भरकर जमा करें। 2003 की वोटर लिस्ट ceouttarpradesh.nic.in पर जाकर अपना जिला और असेंबली चुनकर डाउनलोड की जा सकती है, जिसमें आप अपना नाम चेक कर सकते हैं। BLO और ERO की जानकारी electoralsearch.eci.gov.in/pollingstation पर उपलब्ध है। यहां अपने EPIC नंबर (वोटर ID नंबर) से BLO और ERO का नाम व मोबाइल नंबर प्राप्त किया जा सकता है। आप अपना SIR फॉर्म स्वयं ऑनलाइन भी भर सकते हैं। इसके लिए voters.eci.gov.in/enumeration-form-new पर पहले Sign-up करें, फिर Login करें। अगर BLO फॉर्म नहीं दे रहा है या उसकी रिसीविंग देने से मना कर रहा है, तो इसकी शिकायत [complaints@eci.gov.in] पर भेजी जा सकती है। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण का उद्देश्य सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करना तथा मतदाता सूची को पूरी तरह त्रुटिरहित बनाना है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया-1951 से अब तक 8 बार निर्वाचक नामावलियों का गहन पुनरीक्षण हो चुका है। इससे पहले विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था। लगभग 22 वर्ष बाद एक बार फिर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। लंबे समय में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन कर जाते हैं, बेटियों का विवाह होने पर वे अन्यत्र शिफ्ट हो जाती हैं, या कुछ मतदाताओं की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उनका नाम पुराने और नए दोनों स्थानों की सूची में बना रहता है। इसलिए सर्वे कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि व्यक्ति का नाम केवल उसके वर्तमान पते की मतदाता सूची में ही रहे।


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