तारीख- 19 नवंबर
जगह- कानपुर राहुल को दुबई जाना था, उसका वीजा आ गया था। अमित की 20 नवंबर की रात साढ़े 9 बजे दिल्ली से जिम्बाब्वे की फ्लाइट थी। दोनों की वहां नौकरी लग गई थी। इस खुशी में कानपुर के पनकी इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में राहुल ने दोस्तों के साथ मिलकर पार्टी की। सभी ने चिकन खाया। शराब पी। फिर एक कमरे में 4 और 2 दोस्त दूसरे कमरे में सो गए। सुबह करीब 6 बजे जब नागेंद्र दोस्तों को जगाने पहुंचा। लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। दरवाजा तोड़ा गया। अंदर लोग दाखिल हुए तो सभी दंग रह गए। राहुल, दाऊद, अमित और संजू की मौत हो चुकी थी। बिस्तर पर इनके शव पड़े थे। चारों दोस्त देवरिया जिले में एक ही गांव तवक्कलपुर के रहने वाले थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि चारों दोस्तों की मौत दम घुटने से हुई है। उन्होंने रात में कोयला जलाया था। चारों की सांस नली में कार्बन मोनो ऑक्साइड मिला है। जांच के लिए बिसरा सुरक्षित किया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। फैक्ट्री में साथ काम करने वाले प्रवीण बर्नवाल ने बताया कि अमित मेरा मौसेरा भाई था। मुझे और अमित को शुक्रवार को जिम्बाब्वे जाना था। रात 9.30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से हमारी फ्लाइट थी। हम दोनों 6 महीने वहां रहने वाले थे। जबकि राहुल को दुबई जाना था। इसलिए दाऊद, राहुल, नागेंद्र और संजू के कहने पर हमने फैक्ट्री में पार्टी रखी थी। पार्टी में चिकन बना। क्या पता था कि यह हमारी आखिरी पार्टी होगी। हम कभी नहीं मिल पाएंगे। एक साल से काम कर रहे थे, विदेशों में भी कर चुके काम
कुशीनगर के हाटा के रहने वाले प्रवीण ने बताया कि हम लोग तकरीबन एक साल से रिफाइनरी फैक्ट्री में काम कर रहे थे। हम दोनों केन्या, साउथ अफ्रीका, कनाडा जैसे कई देशों में रिफाइनरी फैक्ट्री में काम कर चुके हैं। मैं दीपावली पर अपने घर गया था। बुधवार को ही मैं कानपुर आया था। जिम्बाब्वे जाना था। इसलिए सभी दोस्तों ने पार्टी मांगी थी। दाऊद ने हमसे कहा था कि अब तुम और अमित 6 महीने बाद मिलोगे। पार्टी नहीं दोगे क्या? हमने पार्टी देने की हामी भर दी। रात 10 बजे अमित, संजू सिंह, राहुल सिंह, दाऊद, अमित का भाई अरुण, नागेंद्र काम से लौटे। जिसके बाद हमने चिकन बनाया। रात करीब 12 बजे तक पार्टी करके हम अपने कमरे में सोने चले गया। अमित की शादी हो चुकी है। 8 फरवरी 2026 को उसकी शादी की 6 साल पूरे होने वाले थे। बॉयलर से कोयला लेकर आए थे राहुल और अमित
तवकलपुर गांव निवासी नागेंद्र ने बताया कि अमित और राहुल को बहुत ठंड लग रही थी, जिस पर वह दोनों ही बॉयलर के पास से कोयला लेकर आए थे। रात करीब 12 बजे तक हमने पार्टी की, फिर मैं करीब 100 मीटर दूर अपने कमरे में सोने के लिए चला गया था। अरुण और प्रवीण फैक्ट्री से 200 मीटर दूर किराए पर कमरा लेकर रहते थे, वो दोनों अपने कमरे में चले गए थे। इसके बाद अमित और संजू ने ही सुलगता कोयला कमरे में रख लिया, जो चारों की मौत का कारण बन गया। सुबह 8 बजे ड्यूटी पर जाना होता है। मैं सुबह उठा, फिर अमित और राहुल को जगाने पहुंचा। मैंने दरवाजा खटखटाया। आवाज लगाई कि अमित-राहुल उठो। खाना बनाना है। नहीं तो ड्यूटी जाने के लिए लेट हो जाएंगे। फिर मैं फ्रेश होने चला गया। लौटकर आया तो दरवाजा बंद था। मैंने फिर दरवाजा खटखटाया। इसके बाद फोन कर मैंने अन्य साथियों को बुलाया। उन्होंने भी दरवाजा खटखटाया। फिर भी दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद मालिक के भाई अरुण आए। दरवाजा तोड़ा गया। देखा अंदर सभी एक साथ चादर ओढ़े हुए लेटे हुए थे। फिर चादर हटाया। पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। रविंद्र कुमार ने बताया कि अमित और उसके भाई के साथ गांव के करीब 60 से 70 युवक काम कर रहे हैं। चारों की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था दाऊद
दाऊद अंसारी (28 वर्ष) पुत्र यासीन अंसारी परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसकी मौत की सूचना घर पहुंचते ही पत्नी शकीना खातून का रो रो कर बुरा हाल था। उसका निकाह 3 साल पहले हुआ था। उसकी दो वर्ष की बेटी आयत है। छोटा भाई अनिस अंसारी है। दाऊद की पत्नी रोते हुए बस इतना कह पा रही थीं। “अब हमारा क्या होगा? आयत को कौन संभालेगा?” गांव की महिलाएं शकीना को संभालने की कोशिश करती रहीं, पर वह खुद को काबू नहीं कर पा रहीं थीं। परिवार की स्थिति को देख कानपुर कमाने गया था संजू
संजू सिंह (26 वर्ष), पुत्र फतेह बहादुर सिंह परिवार की स्थिति भी बेहद दुखद है। छोटा भाई सूरज घर रहता है। उसकी शादी नहीं हुई थी। संजू मेहनतकश और जिम्मेदार युवक माना जाता था। वह अपने परिवार की आर्थिक उम्मीद था। सूरज बिलखते हुए कह रहा था। भइया कहिन रहन कि पसुका ओढ़नी लेके आवत हुईं, लेकिन उ फिर ना लौटेन। गांव के लोग बताते हैं कि संजू शांत स्वभाव का और मेहनती लड़का था, जो पिछले कई महीनों से पनकी की कंपनी में काम कर रहा था। विदेश जाने की तैयारी में था राहुल
तवक्कलपुर का राहुल सिंह (26) दुबई जाने की तैयारी में था। उसने पासपोर्ट बनवाया था। कानपुर से उसे गुरुवार को गांव जाना था। दुबई के लिए उसका वीजा आ गया था। राहुल अपने घर का इकलौता बेटा था। राहुल की मौत से परिवार गहरे सदमे में है। राहुल की मां नर्बदा का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यह कह रही है कि मेरा बेटा तो विदेश जाने वाला था। ये कहां चला गया। अब किसके सहारे जीएंगे। राहुल की दो बहनें हैं। जिसकी एक की शादी हो गई है। एक छोटी बहन अमृता है। अब जानिए पूरा मामला…. पनकी साइड–2 में गोविंद नगर निवासी वरुण कटारिया की ऑयल रिफाइनरी की फैक्ट्री है। जिसके निर्माण का जिम्मा इंदौर की आदित्य इंटरप्राइजेज को मिला था। फैक्ट्री में फ्रेब्रिकेटिंग का काम देवरिया के तरकुलवां थाना क्षेत्र के तवकलपुर गांव निवासी अरुण उसका भाई अमित बर्नवाल, राहुल सिंह (22), संजू सिंह (22), दाऊद (32), प्रवीण बर्नवाल, नागेंद्र कर रहे थे। बुधवार देर रात खाना खाने के बाद अमित, राहुल, संजू और दाऊद फैक्ट्री के कंपाउंड में बने कमरे में कोयला जलाकर सोने चले गए थे। वहीं नागेंद्र कंपाउंड में बने कुछ दूर स्थित अपने कमरे में सोने चला गया। प्रवीण और अरुण फैक्ट्री से 200 मीटर दूर स्थित कमरे में सोने चले गए। सुबह करीब 6 बजे तक सोकर न उठने पर नागेंद्र जगाने पहुंचा तो दरवाजा नहीं खुला, जिस पर उसने अरुण और प्रवीण को फोन किया। मौके पर पहुंचे अरुण के कई बार आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो उसने दरवाजा तोड़ अंदर पहुंचा, जहां चारो लोग मृत पड़े हुए थे। …………………………….. ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में कोयला जलाकर सो रहे 4 दोस्तों की मौत:ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाई थी; कमरा छोटा था, दम घुट गया कानपुर में एक कमरे में सो रहे चार दोस्तों के शव गुरुवार सुबह मिले। बताया जा रहा है कि ठंड के कारण उन्होंने तसले में कोयला जलाया था। कमरे को अंदर से बंद कर सो गए थे। शुरुआती जांच के मुताबिक, चारों की मौत दम घुटने से हुई है। पनकी थाना के इंडस्ट्रियल एरिया में रहने वाले ये चारों दोस्त गुरुवार सुबह काफी देर तक नहीं उठे। पढ़ें पूरी खबर
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