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Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति होंगे वक्री, 12 नवंबर से खुलेगा 4 राशियों की किस्मत का ताला, महालाभ के योग

वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को लाभकारी और शुभ ग्रह माना जाता है। देवगुरु बृहस्पति 13 महीनों के अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं। इस दौरान एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं। बीते महीने 19 अक्तूबर को देवगुरु ब्रहस्पति ने कर्क राशि में प्रवेश किया था। कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रदेव होते हैं। वहीं गुरु बृहस्पति और चंद्रदेव का मित्रता का भाव होता है। वहीं इस राशि में गुरु उच्च के होते हैं। 
बता दें कि साल 2025 में गुरु ग्रह दो बार गोचर करेंगे। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति के अतिचारी होने की वजह से साल में दो बार राशि बदलेंगे। अतिचारी का मतलब गुरु अपनी सामान्य गति से तेज चलने की वजह से दो बार राशि परिवर्तन करेंगे। अभी गुरु मार्गी होकर संचरण कर रहे हैं। वहीं 12 नवंबर 2025 को गुरु वक्री हो जाएंगे। गुरु ग्रह के इस राशि परिवर्तन के कारण इसका प्रभाव लगभग सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा। लेकिन गुरु अपनी उच्च राशि कर्क में गोचर करने के 4 राशियों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। तो आइए जानते हैं यह राशियां कौन-कौन सी हैं।

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वृषभ राशि

देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि के 8वें और एकादश भाव के स्वामी होते हैं। बृहस्पति का गोचर आपकी कुंडली के तीसरे भाव में हुआ है। तीसरे भाव में गुरु का गोचर शुभ और अच्छा साबित होगा। इस दौरान इन जातकों की आय में इजाफा होगा और धन लाभ के अवसरों में भी वृद्धि होगी। वहीं प्रमोशन के योग भी बनते नजर आ रहे हैं। रुके हुए काम पूरे होंगे और लक्ष्य हासिल करने में भी सफलता प्राप्त होगी।

कर्क राशि

देवगुरु बृहस्पति कुंडली के छठे और भाग्य भाव नवम भाव के स्वामी होते हैं। बृहस्पति का गोचर कर्क राशि के पहले भाव में होगा। गुरु का अपनी उच्च राशि कर्क में गोचर काफी बेहतर और शुभ प्रभाव देने वाला होगा। लाभ के अवसरों में और मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

कन्या राशि

कन्या राशि में देवगुरु बृहस्पति चौथे भाव के स्वामी के साथ-साथ सातवें भाव के स्वामी होते हैं। 19 अक्तूबर 2025 को गुरु को अपनी उच्च राशि में गोचर आपके लाभ भाव में होगा। ऐसे में इन जातकों को काफी अच्छे परिणाम मिलेंगे। जो लोग किसी व्यापार से जुड़े हैं, उनको अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इस राशि के जातकों को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है, वाहन का सुख मिलेगा और भोग-विलास के साधनों में भी वृद्धि होगी।

कुंभ राशि

कुंभ राशि में देवगुरु बृहस्पति दूसरे और लाभ भाव के स्वामी होकर कर्क राशि में गोचर के दौरान छठे भाव में रहेंगे। छठे भाव में बृहस्पति का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन इसके बाद भी बृहस्पति का यह गोचर कुंभ राशि के लिए सकारात्मक सिद्ध होगा। इस दौरान भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी और कई नई तरह की योजनाओं का लाभ मिलेगा।


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