अक्सर हमारे जीवन में कभी-कभी ऐसा समय आता है कि जब सब कुछ उल्टा-सीधा होने लगता है। अचानक से घर में बिना-मतलब के लड़ाई-झगड़े होते हैं, काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं और मन में एक अजीब-सी बेचैनी होती है। ज्योतिष में इसके पीछे नकारात्मक ऊर्जा या बुरी नजर का प्रभाव हो सकता है। ऐसे में काली सरसों का एक बहुत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। शनिवार के दिन विधिपूर्वक से इस उपाय को जरुर करें। इस उपाय से न केवल नकारात्मकता दूर होती है और बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति प्राप्त होती है।
ज्योतिष में काली सरसों का क्या महत्व है?
काली सरसों को ज्योतिष में राहु और शनि का कारक माना गया है। मान्यता है कि इसे जलाने पर उठने वाली तीखी सुगंध और धुआं नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और टोन-टोटकों के प्रभाव को कमजोर कर देता है। इससे राहु-शनि के अशुभ परिणाम भी कम होते हैं, जिसके कारण जीवन में आ रही रुकावटें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। नकारात्मकता खत्म होने पर घर में सकारात्मक माहौल बनता है, जिससे सुख-शांति बढ़ती है, आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और प्रगति के अवसर भी बढ़ते हैं।
काली सरसों के उपाय की सामग्री
यह उपाय बेहद ही सरल है, इसे करने के लिए आपको अधिक सामग्री लेने की आवश्यकता नहीं है। आप थोड़ी सी काली सरसों, एक छोटी कटोरी या मिट्टी का दीपक, एक कपूर की टिकिया और माचिस चाहिए। इन सामग्री को आप शुक्रवार को खरीद लें या अगर आपके घर पर पहले से रखी है, तो इससे बढ़िया क्या हो सकता है। ध्यान रहे कि शनिवार के दिन कुछ भी न खरीदें। अगर आप एक दिन पहले ही यह सामग्री लेकर आएंगी, तो एक थाली में रखकर सभी सामग्री को रखकर गंगाजल छिड़कर सामग्रियों को अच्छे से शुद्ध किया जा सकता है।
काली सरसों के उपाय का तरीका
यह उपाय शनिवार की शाम या रात में तब करें, जब घर के सभी सदस्य लौट आए हों। एक छोटी कटोरी या मिट्टी के दीपक में थोड़ी काली सरसों डालें और उसके ऊपर कपूर की एक टिकिया रख दें। अब कपूर को माचिस या लाइटर से आग लगा दें। कपूर जलते ही काली सरसों भी हल्की-हल्की चटकने लगेगी और उससे धुआं उठने लगेगा। इसके बाद इस जलती हुई सरसों वाली कटोरी को घर के हर कमरे में धीरे-धीरे घुमाते हुए ले जाएं, ताकि धुआं पूरे घर में अच्छी तरह फैल सके।
यह उपाय करते समय सरसों को धीरे-धीरे घुमाते हुए मन में शनि देव का स्मरण करें और उनसे घर की नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने की प्रार्थना करें। आप चाहें तो ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। जब सरसों पूरी तरह जल जाए और धुआं थम जाए, तब बची हुई राख को सावधानी से इकट्ठा कर लें। इस राख को घर से बाहर किसी पीपल के पेड़ के नीचे डाल दें या फिर बहते हुए पानी, जैसे नदी या नाले में प्रवाहित कर दें। ध्यान रखें कि राख को घर के भीतर बिल्कुल न छोड़ें, वरना इसका विपरीत असर हो सकता है।
उपाय से जुड़े नियम
जब आप यह उपाय करें तो पूरे विश्वास और श्राद्धा के साथ करें। इस उपाय के करने से कोई भी नकारात्मक विचार मन में न लाएं। हर शनिवार को यह उपाय करने से कुछ ही हफ्तों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इससे आपके घर का माहौंल भी पहले से बेहतर होगा, मनसिक शांति मिलेगी और कामों में आ रही रुकावटें भी दूर होंगी। यह उपाय बच्चों से लेकर बड़ों सभी को बुरी नजर से बचाता है।
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