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ज्योतिष अनुसार इन ग्रहों के कारण बढ़ता है कर्ज का बोझ, जानें मुक्ति के अचूक उपाय

अक्सर होता है कि मनुष्य कर्ज लेकर में डूब जाता है। कई लोग कर्ज लेते हैं, तो सारा चुका भी देते हैं, लेकिन कई बार कर्ज लेने के बाद इंसान बर्बाद भी हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह को कर्ज का कारक माना गया है। धार्मिक शास्त्रों में यह माना भी गया है कि मंगलवार को कर्ज लेना निषेध है। मंगलवार को आप जितना भी कर्ज चुका सकते हैं, उतना ही बढ़िया होता है। माना जाता है कि मंगलवार को कर्ज लेने वाला व्यक्ति जीवनभर कर्ज नहीं चुका पाता एवं उस व्यक्ति की संतान भी इस वजह से परेशनियां उठाता है। कुछ ज्योतिषी की मानना होता है कि बुधवार को कर्ज देना अशुभ होता है क्योंकि बुधवार को दिए कर्ज का पैसा वापस मिलने में काफी कठिनाई होती है। 
कर्ज बढ़ने के कारण
यह माना जाता है कि जन्मकुंडली का छठा भाव ऋण, रोग और दैनिक संघर्षों का सूचक होता है, क्योंकि कई बार बीमारी, दुर्घटना या अन्य बाधाओं के कारण व्यक्ति कर्ज के बोझ तले आ सकता है। हालांकि, केवल छठे भाव के आधार पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है; ऋणग्रस्तता के विश्लेषण के लिए अन्य संबंधित भावों पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है। इसके साथ ही जन्मकुंडली में मौजूद कुछ अशुभ योग और घर, दुकान या कार्यस्थल में मौजूद वास्तु दोष भी ऋण बढ़ने का कारण बन सकते हैं। अगर जन्मपत्री में पितृदोष हो, तो जातक अक्सर पिता के धन पर निर्भर रहता है या फिर कर्ज लेकर जीवन गुजारने की स्थिति में आ जाता है। वहीं, लग्न में सूर्य के साथ शनि की युति होने पर व्यक्ति प्रायः मुकदमों में उलझा रहता है और इन कारणों से कर्ज बढ़ता जाता है। 12वें भाव में स्थित सूर्य भी अत्यधिक व्यय करवा कर व्यक्ति को ऋण की स्थिति में पहुंचा सकता है। इसके अतिरिक्त जन्मकुंडली में कई अन्य योग भी होते हैं, जिनका अध्ययन कर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।
– जिस जातक की कुंडली में मंगल कमजोर हो यानी कम अंश का हो तो ऋण लेने की स्थिति बनती है।
– यदि मंगल कुंडली में शनि, सूर्य या बुध,आदि राहु-केतु के साथ हो तो व्यक्ति को जीवन में व्यक्ति को एक बार ऋण लेना ही पड़ता है।
– अगर व्यक्ति का 12वां भाव प्रबल हो और दूसरा तथ दशम कमजोर हो, तो जातक उच्च स्तरीय व्यय वाला होता है और निरंतर ऋण लेकर अपनी जरुरतों की पूर्ति करता है। 
– घर में वास्तु-दोष जैसे पूर्वोत्तर ईशान कोण में निर्माण अधिक हो या उत्तर दिशा का निर्माण भारी व दक्षिण दिशा का निर्माण हल्का हो तो व्यक्ति के व्यय अधिक होते हैं और कर्ज लेना ही पड़ता है।
क्या उपाय करें
जातक ऋण, रोग, भय, शत्रुओं से मुक्ति के लिए मंगलवार के दिन नित्य ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ कर सकते है। तांबा धातु से निर्मित एक तिकोना मंगल यंत्र मंगलवार के दिन बनवाकर घर-ऑफिस में स्थापित करें। इसके साथ ही ऋणी व्यक्ति के ऊपर चलने वाली महादशा, अंतर्दशा के हिसाब से रत्न पहनना भी उपचार के लिए अच्छा है। 


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